म्यांमार सेना पूर्वोत्तर के उग्रवादियों के विरुद्ध चला रही अभियान, चार उग्रवादी गिरफ्तार

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गुवाहाटी, 20 फरवरी (हि.स.)। पूर्वोत्तर के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों का प्रशिक्षण शिविर पड़ोसी देश म्यांमार के घने जंगलों में स्थित है, इसके मद्देनजर भारत के दबाव में म्यांमार की सेना ने उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध अभियान शुरू किया है। म्यांमार सेना सगायिंग इलाके में अभियान चला रही है। यह अभियान आठ फरवरी से 19 फरवरी तक चलाया है। इससे पहले गत 29 जनवरी से पांच फरवरी तक अभियान चलाया गया। इस दौरान उग्रवादियों के कई शिविरों को नष्ट करने के साथ ही सेना ने भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किए हैं।
उल्लेखनीय है कि आए दिन पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों से जुड़ी खबरें मिलती रहती हैं। अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के खुले इलाकों से उग्रवादी भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बाद दुर्गम रास्तों के जरिए पुनः म्यांमार लौट जाते हैं। उसी के मद्देनजर भारत के दबाव में म्यांमार की सेना ने भारत के उग्रवादी संगठनों के विरुद्ध अभियान शुरू किया है। अभी म्यांमार सेना अपने देश के सगायिंग इलाके में अभियान चला रही है। पहला चरण गत 29 जनवरी से 05 फरवरी तक चलाया गया। उसके बाद गत 08 से 19 फरवरी तक अभियान चलाया है। जिसमें उग्रवादियों के कई शिविरों को नष्ट करने के साथ ही भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किया गया है।
ताजा जानकारी के अनुसार, म्यांमार की सेना ने 08 से 19 फरवरी तक दूसरे चरण के अभियान में असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा), स्वाधीन (स्वा) और नगालैंड के नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड (एनएससीएन) खापलांग (के) के साथ ही मणिपुर के उग्रवादी संगठनों के कैंपों के खिलाफ अभियान चलाया है। इस अभियान के दौरान उग्रवादियों के एक बड़े शिविर को नष्ट करने के साथ ही चार उग्रवादियों को सेना ने गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया है कि अभियान के दौरान म्यांमार के टाटमदाउ इलाके से 53 अत्याधुनिक हथियार के साथ ही भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है।
सेना द्वारा चलाए गए अभियान की जानकारी म्यांमार के सेना प्रमुख ने एक बयान जारी कर मीडिया को दी है।

उल्लेखनीय है कि म्यांमार सरकार के साथ एनएससीएन खापलांग का संघर्ष विराम था। इसके चलते एनएससीएन (के) के म्यांमार के भारत से लगने वाले घने जंगलों में कई शिविर हैं। एनएससीएन (के) मूल म्यांमार से है। हालांकि इसमें भारत के नगालैंड के भी विद्रोही शामिल हैं। यह म्यांमार से नगालैंड तक अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है। एनएससीएन (के) के युद्ध विराम का फायदा उठाते हुए पूर्वोत्तर के अन्य उग्रवादी संगठन जिसमें उल्फा (स्वा), केएलओ, एनडीएफबी (संगबिजीत), मणिपुर के उग्रवादी समेत कई संगठनों के शिविर स्थापित किए हैं। ये सभी शिविर एनएससीएन (के) नाम पर स्थापित हैं।
म्यांमार सरकार के साथ संघर्ष विराम की अवधि समाप्त होने के बाद सेना ने अभियान तेज किया है। पूर्वोत्तर के उग्रवादी कैंप छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। इसको देखते हुए असम समेत पूर्वोत्तर के म्यांमार से लगने वाले राज्यों की पुलिस अपने-अपने इलाकों में अलर्ट पर हैं। कारण म्यांमार से भागे उग्रवादी अपनी जान बचाने के लिए भारत में घुसपैठ कर सकते हैं।


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