मेक इन इंडिया: लड़ाकू विमान तेजस को हरी झंडी, जल्द होगा वायु सेना के बेड़े में शामिल

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बेंगलुरु, 20 फरवरी, (हि.स.)। देश के पहले मेक इन इंडिया लड़ाकू विमान तेजस को एयरो इंडिया में बुधवार को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस मिल गई है। इसके साथ यह विमान अब जल्द ही भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन जायेगा।
बेंगलुरु के यलहंका वायुसेना स्टेशन पर बुधवार से शुरू हुए एयरो इंडिया के 12वें संस्करण का उद्घाटन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया। इसके बाद शहर के आसमान पर फ्रांस से आए तीन राफेल विमानों ने हवा में कलाबाजियां और करतब दिखाए। राफेल के अलावा सुखोई और सारंग हेलिकॉप्टरों ने भी अपने जौहर दिखाए। राफेल विमान के उड़ान भरने के बाद लोगों की नजरें उसी पर टिकी रहीं। इसके अलावा सुखोई-30 एमकेआई, एचएएल द्वारा निर्मित एलसीएच लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ने भी करतब दिखाए।
विमानों के हवाई प्रदर्शन के दौरान सभी की निगाहें मेक इन इंडिया लड़ाकू विमान तेजस पर टिकीं रहीं। वायुसेना के लिए आज का दिन इसलिए भी अहम रहा, क्योंकि भारत में बनाए गए इस लड़ाकू विमान को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (एफओसी) दे दी गई है। अब देश में तैयार किया गया ‘तेजस’ वायु सेना में शामिल होने के लिए तैयार हो गया है। क्लियरेंस मिलने के बाद अब तेजस को लड़ाई के मोर्चे पर तैनात किया जायेगा। इसमें ब्रह्मोस मिसाइलें लगाईं गईं हैं, जिससे इसकी मारक क्षमता बढ़ गई है।
वैसे तो 123 विमानों को क्लीयरेंस दी गई है लेकिन वायुसेना के बेड़े में 16 लड़ाकू विमान शामिल होंगे। पहली स्क्वार्डन पंजाब के संगरूर में तैनात की जाएगी। यह तेजस विमान वायुसेना के बेड़े में मिग विमानों की जगह लेगा। इस विमान के प्रारंभिक परिचालन की मंजूरी 2013 में दी गई थी। इस तरह लम्बे समय से इन्तजार के बाद अब मेक इन इंडिया लड़ाकू विमानों का मिशन पूरा होने के करीब है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक डॉ. टेस्सी थॉमस ने बताया कि तेजस की अंतिम ड्राइंग प्रयोज्यता सूची हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 31 दिसम्बर,2018 को जारी की थी। लड़ाकू विमान तेजस ने एयरो शो में हवाई प्रदर्शन करके देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी, क्योंकि उन्होंने इस विमान को ‘तेजस’ नाम दिया था।


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