नई दिल्ली, 04 नवम्बर (हि.स.)। रेलवे ने दीपावली और छठ के दौरान आरक्षित टिकटों की अनधिकृत बिक्री के खिलाफ देशभर में विशेष अभियान चलाकर 539 दलालों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के इस्तेमाल किए गए टिकट और 70 लाख से अधिक मूल्य के लाइव टिकट,जिन पर यात्रा होनी थी, बरामद किए हैं। रेलवे ने तकनीक के युग में यात्रियों को आगाह किया है कि वह अधिकृत एजेंटो पर भी निगाह रखें कि वह आपका टिकट अपनी अधिकृत ई-मेल आईडी से ही बुक करें अन्यथा आपका टिकट रद्द हो जाएगा।
रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने सोमवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि आरपीएफ ने रेलवे की आरक्षित टिकटों की अनधिकृत बिक्री के खिलाफ 26 अक्टूबर से चार नवम्बर तक विशेष अभियान चलाया था। इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है। इसमें आईआरसीटीसी, आरपीएफ और कमर्शियल के अधिकारी शामिल हैं। इन सभी का एक व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों बड़ी संख्या में अधिकृत एजेंटों द्वारा कमीशन बचाने के लिए फर्जी ईमेल आईडी से रेल यात्रियों को टिकट बुक कराने के मामले संज्ञान में आये थे। इस पर शिकंजा कसने के लिए ऐसा तंत्र विकसित किया गया है जो तीन माह में एक ईमेल आईडी से 14 टिकट से अधिक बुक कराने पर निगरानी में ले लेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के मामलों में आईआरसीटीसी के अधिकृत पीएसपी और आरएसपी से संबंधित एजेंटों की 30 प्रतिशत मिली भगत है, जबकि 70 प्रतिशत लोग समानांतर मार्केट अर्थात् युवा बेरोजगार हैं।
अरुण कुमार ने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा भेजे गए पीआरएस डेटा में से 464 पतों को ब्लॉक किया गया। इसके अलावा 284 की पहले से सूचना थी। स्थानीय इनपुट के आधार पर 739 पतों को सत्यापित किया गया। 1115 पतों की आरपीएफ टीमों द्वारा जांच की गई है। वहीं आरपीएफ ने 2801 टिकट जब्त किए, जिन पर भविष्य में यात्रा होनी थी। इन टिकटों का मूल्य 70 लाख 14 हजार 581 है। इसमें सेंट्रल रेलवे डिवीजन से सबसे अधिक 490 लाइव टिकट बरामद हुए। इसके बाद दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) से 310 और उत्तर रेलवे से 299 टिकट बरामद हुई हैं।
वहीं 16,346 इस्तेमाल किए गए टिकट बरामद किए गए। इनकी कीमत दो करोड़ 52 लाख 59 हजार 110 आंकी गई है। उपयोग किये जा चुके टिकट की बात करें तो सबसे अधिक उत्तर रेलवे से 6917, पश्चिम मध्य रेलवे से 1720, दक्षिण पश्चिम रेलवे से 1405 टिकट बरामद हुए हैं। आरपीएफ ने इस मामले में देशभर से 539 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया है। पहचान किए गए अभियुक्तों में से अभी तक 38 को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पश्चिम मध्य रेलवे से सबसे अधिक 64 दलालों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद उत्तर रेलवे से 57 और दक्षिण पूर्व रेलवे से 54 दलालों को गिरफ्तार किया गया है। दलाली के लिए 2720 व्यक्तिगत उपयोगकर्ता आईडी का उपयोग किया गया है। इस संबंध में रेलवे के तमाम जोन में कुल 519 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। 73 अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट की पहचान की गई जिनमें से 52 को जांच के बाद ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।