महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष हुआ तेज, दिनभर चलीं मैराथन बैठकें

0

शिवसेना प्रवक्ता राऊत ने कहा- सरकार गठन में विलंब के लिए हम जिम्मेदार नहीं



मुंबई, 04 नवम्बर (हि.स.) । महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए मुंबई से लेकर नई दिल्ली तक सोमवार को दिनभर कई बैठकों का दौर चला, लेकिन शाम तक कोई तस्वीर साफ नहीं हो सकी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से नई दिल्ली में मिले, तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बैठक की। शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने मुंबई स्थित राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। राऊत भी सरकार गठन को लेकर कुछ नहीं बोले, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि राज्य में सरकार गठन में हो रहे विलंब के लिए शिवसेना जिम्मेदार नहीं है। शिवसेना चाहती है कि संवैधानिक दायरे में शीघ्र ही सरकार का गठन हो।
संजय राऊत ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने एक बाद फिर दोहराया कि भाजपा के पास यदि 145 विधायकों का समर्थन है तो उसे सरकार का गठन करना चाहिए, शिवसेना इसमें किसी भी तरह की अड़चन नहीं डाल रही है।
वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने संकेत दिया है कि आगामी दो-तीन दिन में भाजपा-शिवसेना के बीच सहमति बन जाएगी और राज्य में भाजपा-नीत सरकार का गठन हो जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अमित शाह से नई दिल्ली में मुलाकात की। अमित शाह ने फडणवीस को वेट एंड वाच का ही निर्देश दिया है। इसके बाद फडणवीस ने केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। फडणवीस ने पत्रकारों को बताया कि बहुत जल्द राज्य में भाजपा-नीत गठबंधन की सरकार बनेगी। फडणवीस अपने इस दिल्ली दौरे में और भी कई प्रमुख नेताओं से मुलाकात करेंगे।
भाजपा समर्थक निर्दलीय विधायक रवि राणा भी राज्यपाल से मिले। राणा ने सरकार गठन में हो रहे विलंब के लिए संजय राऊत को ही जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि राऊत के अनर्गल बयानों के कारण सरकार गठन में विलंब हो रहा है, इसलिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को चाहिए कि वह राऊत के बयानों पर रोक लगाएं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बताया कि सूबे में भाजपा व शिवसेना को सत्ता गठित करने तथा राकांपा व कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। कांग्रेस व राकांपा विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं, लेकिन भाजपा व शिवसेना के बीच अंतिम निर्णय नहीं होने के कारण वह राज्य में जल्द सरकार गठन के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में अपने सहयोगियों से चर्चा करेंगे। इसके बाद सोनिया गांधी से फिर मुलाकात करेंगे।

 


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *