नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। देश में अगर तब्लीगी जमात से जुड़े कोरोना के मामले सामने न आते तो कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी होने में 7.4 दिन लगते। मौजूदा समय में यह दर 4.1 दिन है। यानि हर चार दिन में कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 472 नए मामले सामने आए हैं और करीब 11 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही कोरोना से देश में 79 मौतें हो चुकी हैं। अब तक 267 मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। कोरोना के 3,374 मामलों में 33 प्रतिशत मामले तब्लीगी जमात से जुड़े हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने रविवार को प्रेसवार्ता में बताया कि देश में कोरोना से 274 जिले प्रभावित हो चुके हैं। इन व अन्य अधिक प्रभावित जिलों के जिला मजिस्ट्रेट के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठकें की गई हैं। भीलवाड़ा, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, पूर्वी दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के अधिकारियों के साथ कोरोना से निपटने के प्रभावी तरीकों को साझा किया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे सभी जिलों के लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है।
देश के 399 जिलों में मास्क का प्रोडक्शन शुरू
लव अग्रवाल ने बताया कि देश के 399 जिलों में मास्क का प्रोडक्शन शुरू हो गया है। 24 राज्यों के 399 जिलों के 14,522 स्वयं सहायता समूह ने मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है। इन समूह के करीब 65 हजार लोग मास्क बनाने के काम में जुटे हैं ।
पीपीई का समझदारी से करें प्रयोग
राज्यों में पीपीई की कमी के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि मौजूदा समय में पीपीई की कोई कमी नहीं है लेकिन राज्यों को मौजूदा पीपीई का इस्तेमाल बड़े समझदारी से करना चाहिए। चूंकि पीपीई के लिए उपकरण विदेशों से आयात किए जाते थे, इसलिए इसके घरेलू उत्पादन के विकल्प को खंगाला गया है। विदेशों से भी इसे आयात करने में मंत्रालय काम कर रहा है। उम्मीद है कि जल्दी ही पीपीई प्राप्त हो जाएगा। लेकिन तबतक राज्य मौजूदा पीपीई का इस्तेमाल जरुरत पड़ने पर ही करें।
बुधवार से शुरू होगा रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट
आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. रमण आर गंगाखेडकर ने बताया कि रेपिड एंटीबाडी टेस्ट को अनुमति दे दी गई है। बुधवार से टेस्ट किट मिल जाएंगे तो यह शुरू किया जाएगा। इस संबंध में आईसीएमआर ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी तैयार किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि यह टेस्ट घनी आबादी वाले कोरोना प्रभावित क्षेत्रों, जमावड़े वाले स्थान पर, कोरोना पॉजिटिव मिलने वाले स्थानों और सर्दी-जुखाम के लक्षण वाले लोगों पर किया जाएगा।