पुलवामा हमले के 24 घंटे बाद ही लिखी गई एयर स्ट्राइक की पटकथा

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-आतंक के गढ़ पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी में नेपथ्य के सूत्रधार बनकर उभरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली  (हि.स.)। कोई अगर यह सोच रहा है कि पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खामोश रहे, तो यह उसकी बड़ी भूल है। दरअसल इस हमले ने देश के कलेजे को छलनी करने के साथ ही प्रधानमंत्री को भी इतने जख्म दिए कि वो सारी रात सोचते रहे। …और 15 फरवरी को उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों से अहम मंत्रणा कर अपनी इच्छा जता दी। प्रधानमंत्री से चर्चा के बाद डोभाल और तीनों सैन्य प्रमुखों ने इस ‘एयर स्ट्राइक की’ पटकथा तैयार करनी शुरू की। इस रणनीति को गोपनीय रखा गया। इसमें तय हुआ कि पाकिस्तान से संचालित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों, प्रशिक्षण केंद्रों और जेहादी केंद्रों को कैसे तहस-नहस करना है।
तारीखेंः जो इतिहास बन गईं
15 फरवरी, 2019
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। इसके बाद पाकिस्तान के आतंकी बेस को तबाह करने की योजना बनाई गई। इस पटकथा के नेपथ्य में रहे प्रधानमंत्री को पल-पल की जानकारी दी गई।
16 फरवरी, 2019
इस योजना पर चरणबद्ध काम शुरू किया गया, जिससे पड़ोसी को कानोकान इसकी खबर न लग सके। इस रणनीति को आकार देते हुए सेना ने सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स को उलझाया। पाक रेंजर्स ने गोलीबारी शुरू कर दी तो भारत के प्रहरियों ने भी पाकिस्तान को इसका जवाब देकर सीमा पर उलझाने के बाद पाकिस्तान को समंदर पर भी घेरा गया। जलसेना ने कराची के पास सबमरीन तैनात कर दी जिससे हड़कंप मच गया। पाकिस्तान का पूरा ध्यान यहां केंद्रित हो गया। इसके बाद डोभाल ने वायुसेना को ‘एयर स्ट्राइक’ करने की मंजूरी दे दी, मगर वायुसेना ने 10 दिन का वक्त मांगा। इस पर डोभाल ने सहमति जताई। इस दौरान तय हुआ कि वायुसेना पड़ोसी की सीमा में 10-15 मील से ज्यादा अंदर नहीं घुसेगी। यह भी तय किया गया कि इस दौरान पाकिस्तान के रडार की जानकारी जुटाई जाए। इस पर भारतीय ड्रोन को लगाया गया।
18 फरवरी, 2019
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, आईबी और रॉ प्रमुख ने वायुसेना को पांच लक्ष्य दिए। इसके बाद पोखरण में हुए वायुशक्ति के दौरान पाकिस्तान के रडार में दर्ज हो रही गतिविधियों पर नजर रखी गई। इससे अंदाज लगा लिया गया कि पड़ोसी को कमतर न आंका जाए। इसलिए पटकथा के कुछ अंश बदलते हुए ‘एयर स्ट्राइक’ के लिए ग्वालियर को बेस चुना गया।
19 फरवरी, 2019
प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी इस आपरेशन को पूरा करने के लिए ग्वालियर बेस के लिए सहमति दी। मगर इस ताकीद के साथ हमारे जांबाज पायलट सीमापार ज्यादा अंदर न घुसें।
26 फरवरी, 2019
25/26 फरवरी की दरम्यािनी रात 2ः00 ग्वालियर एयर बेस से 12 मिराज उड़े। इन्होंने लक्ष्य को साधते हुए आतंकी शिविरों पर बम बरसाये। इसके एक घंटे बाद चार सुखोई विमान सिरसा एयर बेस से उड़े। देश के सभी एयरबेस पर पेचोंरा मिसाइल तैनात कर उन्हें अलर्ट किया गया। इस ‘एयर स्ट्राइक’ को मध्य और पश्चिमी कमांड ने अंजाम दिया। इस दौरान बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी के आसमान पर मिराज गरजे। इस पूरी कार्रवाई को आईएएफ मुख्यालय से मॉनीटर किया गया।
बालाकोट
तड़के 3ः45 से 3ः53 बजे बमबारी
मुजफ्फराबाद
तड़के 3ः48 से 3ः55 बजे बमबारी
चकोटी
तड़के 3ः58 से 4ः04 बजे बमबारी


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