हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा, ‘क्या आपको ये भी अधिकार नहीं कि कानून का पालन करवा सकें’

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नई दिल्ली  (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि क्या उसके पास ये अधिकार नहीं है कि वो राजनीतिक दलों को अपने फंडिंग और खर्चे का हिसाब देने के कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्वाचन आयोग से इस संबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा कि क्या आपको ये भी अधिकार नहीं है कि आप कानून का पालन करवा सकें। तब निर्वाचन आयोग ने कहा कि हमने उन राजनीतिक दलों को कई बार पत्र लिखा जिन्होंने अपने फंडिंग और खर्चे का हिसाब नहीं दिया है। तब कोर्ट ने कहा कि आपने लिखा और उन्होंने पालन नहीं किया, ऐसे में आगे क्या होगा। अब आप ही बताइए कि क्या किया जाए। आपके पास क्या अधिकार है। आपका जवाब बताता है कि आप लाचार हैं। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वो हलफनामा देकर बताए कि उसके पास क्या अधिकार है और वो फंडिंग और खर्चे के हिसाब के खुलासे के लिए क्या कर सकते हैं।

याचिका एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(एडीआर) ने दायर की है। एडीआर ने फंडिंग और खर्चे के हिसाब का खुलासा करने और लॉ कमीशन की अनुशंसाओं को लागू करने के लिए कानून बनाने की मांग की है। सुनवाई के दौरान एडीआर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि निर्वाचन आयोग के पास लॉ कमीशन की अनुशंसाओं को लागू करवाने का अधिकार है। एडीआर ने कहा कि जब तक कानून नहीं बनता तब तक निर्वाचन आयोग उन राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो अपने फंडिंग और खर्चे का हिसाब नहीं बता रहे हैं।

याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक व्यवस्था को अवैध तरीके से फंडिंग की जा रही है। राजनीतिक दलों को उन व्यक्तियों और कारपोरेट्स द्वारा फंड दिया जा रहा है, जिनके निहित स्वार्थ हैं।


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