अब रुपया सीधे किसानों के खाते में जाएगा : प्रधानमंत्री

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कोलकाता, 02 फरवरी (हि.स.)। कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर में शनिवार को चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारे-इशारे में राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर सिंडिकेट चलाने का आरोप लगाया और दावा किया कि केंद्र सरकार ने ऐसी व्यवस्था शुरू की है जिससे अब रुपया सीधे किसानों के खाते में चला जाएगा। बीच में कोई सिंडिकेट या बिचौलिया नहीं होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार किसानों और कामगारों के लिए बहुत बड़ी योजनाओं का ऐलान किया गया है। जो बीत गया, वो बीत गया| नया भारत अब इस स्थिति में नहीं रह सकता। किसानों के भोलेपन का स्वार्थी दलों ने कई बार लाभ उठाया। अब ठाकुरनगर के, पश्चिम बंगाल के, देशभर के जिन भी किसानों के पास पांच एकड़ तक भूमि है, उनको हर वर्ष केंद्र की सरकार छह हजार रुपये की सहायता सीधे बैंक खाते में जमा करेगी। न कोई सिंडिकेट होगा न टैक्स, न कोई बिचौलिया, न कोई अड़चन| रुपया सीधा आपके बैंक खाते में जमा होगा।
कल बजट में जिन योजनाओं की घोषणा की गई है उनसे देश के 12 करोड़ से ज्यादा छोटे किसान परिवारों को, 30-40 करोड़ श्रमिकों को, मेरे मजदूर भाई-बहनों को और तीन करोड़ से ज्यादा मध्यम वर्ग के परिवारों को सीधा लाभ मिलना तय है। इसी प्राथमिकता को विस्तार देते हुए कल एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है।
हमारे देश में कई बार किसानों के साथ कर्जमाफी की राजनीति करके, किसानों की आंख में धूल झोंकने के निर्लज्ज प्रयास हुए हैं। मेरी सरकार गांव, किसान, कामगार के जीवन को आसान बनाने में जुटी हुई है। दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी अनेक दशकों तक गांव की स्थिति पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, जितना देना चाहिए था। इसी सोच के साथ बीते साढ़े चार वर्षों से इस स्थिति को बदलने का एक ईमानदार प्रयास केंद्र की सरकार कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां पश्चिम बंगाल में तो स्थिति और भी खराब है। उन्होंने कहा कि ठाकुर नगर तो एक सामाजिक आंदोलन का गवाह रहा है। ठाकुर हरिचंद जी ने जिस परंपरा को शुरु किया वह समृद्ध बांग्ला परंपरा को विस्तार दे रहा है। देश के सामाजिक जीवन में समता और समानता की सोच और दबे-कुचले वर्ग को न्याय और आत्मविश्वास से जोड़ने का उनका प्रयास आज व्यापक स्वरूप ले चुका है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत यह कहते हुए की कि स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, चैतन्य महाप्रभु, महर्षि अरविंद, गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, काजी नजरुल और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे मनीषियों, कर्मयोगियों और क्रांतिवीरों की इस धरती को मैं नमन करता हूं। 


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