आधुनि‍क बैंकिंग इकाइयों के रूप में सहकारिता’ मॉडल का हुआ शुभारंभ

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नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) समूचे देश के सहकारी क्षेत्र में कार्यरत कार्मिकों के साथ-साथ सहकारी क्षेत्र के अन्य हितधारकों के प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन के लिए उत्तरदायी है।
मंत्री ने बुधवार को एनसीसीटी की प्रशासनिक परिषद की दूसरी बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि परिषद का मुख्य उद्देश्य देश की सहकारिताओं में मानव संसाधन विकास की प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाना। इस दौरान मंत्री ने एनसीडीसी के ”आधुनि‍क बैंकिंग इकाइयों के रूप में सहकारिता” मॉडल का शुभारंभ भी किया।
सिंह ने कहा कि परिषद के राष्ट्रीय स्तर पर वैकुंठ मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान (वैमनीकॉम) पुणे, क्षेत्रीय स्तर पर बेंगलुरु, चंडीगढ़, गांधीनगर, कल्याणी एवं पटना में पांच क्षेत्रीय सहकारी प्रबंध संस्थान तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में 14 सहकारी प्रबंध संस्थान सहकारिता विभाग हैं। यह संस्थासन संगठनों में काम करने वाले वरिष्ठ एवं मध्यम स्तर के कर्मियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। परिषद् की विभिन्न प्रशिक्षण इकाइयों द्वारा 1340 कार्यक्रमों में 46203 प्रतिभागियों को दिसम्बर 2018 तक प्रशिक्षित किया जा चुका है।
सिंह ने कहा कि भारत सरकार उत्तरी पूर्वी राज्यों एवं सिक्किम के दूरगामी क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास पर विशेष बल दे रही है। उत्तरी पूर्वी राज्यों में सहकारिताओं में मानव संसाधन के विकास हेतु एनसीसीटी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। सिंह ने कहा कि प्राथमि‍क कृषि‍ ऋण सहकारी समि‍ति‍यों (पैक्प) को सुदृढ़ सूचना प्रौद्योगि‍की मंच प्रदान करना, मोदी सरकार की प्राथमिकता है। इस संबंध में एनसीडीसी ने आधुनि‍क बैंकिंग इकाइयों के रूप में सहकारिताओं के सुदृढ़ीकरण के लि‍ए व्यापक कदम उठाए हैं ।


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