नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन पड़ा धीमा पूर्वोत्तर में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हालात

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असम में छह से सात घंटे तक कर्फ्यू में ढील शांतिपूर्ण रहा छह घंटे का नगालैंड बंद



गुवाहाटी, 14 दिसम्बर (हि.स.)। असम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी आंदोलन शनिवार से धीमा पड़ गया। इन राज्यों में आम जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। कहीं भी किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। हालांकि विरोध प्रदर्शनों के बीच एहतियातन सेना का फ्लैग मार्च जारी है।

शनिवार को छह घंटे का नगालैंड बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। बंद के दौरान सड़कें सुनसान थीं। राजधानी कोहिमा समेत नगालैंड के मुख्य वाणिज्यिक केंद्र डिमापुर में व्यवसायिक प्रतिष्ठान आदि पूरी तरह बंद रहे।त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन कानून की बारीकियों को समझाने के लिए राज्य में विभिन्न स्थानों पर सरकार द्वारा सभाओं का आयोजन किया गया। इन सभाओं में लोगों को इस कानून की सच्ची स्थिति के बारे में बताया गया। इन सभाओं में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। वहीं त्रिपुरा पुलिस हिंसक वारदातों से संबंधित वीडियो को खंगाल रही है। इसके आधार पर आंदोलन के दौरान हिंसक प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

गुवाहाटी में सुबह 09 से शाम 0बजे तक तथा अन्य हिस्सों में सुबह 08 से दोपहर 02 बजे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।ढील के बीच बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकले एवं खाने-पीने की चीजों के साथ ही सब्जियों की जमकर खरीदारी की। हालांकि पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन की वजह से राज्य में सभी आवश्यक वस्तुओं के दाम कई गुना बढ़ गये हैं। बावजूद लोग शनिवार को जमकर खरीदारी करते देखे गए। इसी बीच राज्यभर में अभी भी व्यापक पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा, लेकिन खबर लिखे जाने तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।

असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने शनिवार को बताया कि पुलिस द्वारा राज्य के विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की गई है ताकि कहीं से किसी को गड़बड़ी फैलाने का मौका नहीं मिल सके। पुलिस ने बीते चार दिनों में राज्य में हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक 85 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि करीब 1500 लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में रखा गया है। गुवाहाटी के चांदमारी स्थित असम इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट खेल मैदान में शनिवार को भी असम छात्र संस्था (आसू) के नेतृत्व में लोगों ने धरना दिया। राज्य के अलग-अलग जिलों में भी लोग अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर निकले। शुक्रवार को राज्य सरकार के आदेश के बाद शनिवार को गुवाहाटी समेत राज्य के अधिकांश पेट्रोल पंप खुले रहे।

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों एवं सरकार के मंत्रियों के साथ ही विभिन्न पुलिस एवं नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। मुख्यमंत्री सोनोवाल तथा राज्य के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति  महंत ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम में पिछले कई दिनों से जारी आंदोलन बुधवार को हिंसक हो गया था। असम में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पुलिस ने आधिकारिक रूप से दो लोगों के मरने की पुष्टि की है।

असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा सोमवार तक स्थगित

असम के गृह एवं राजनीतिक विभाग ने सोमवार शाम सात बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा को स्थगित कर दिया है।प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने की वजह से बुधवार शाम से राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवा को स्थगित किया गया था। इस बीच आसू समेत अन्य कुछ संगठनों के पदाधिकारी नागरिकता संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में हैं। भारी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के बीच धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य होता दिख रहा है। 22 दिसम्बर तक राज्य के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया जा चुका है। शनिवार को कर्फ्यू में ढील दिये जाने के बाद गुवाहाटी समेत असम के कई शहरों में सड़कों पर बसें एवं अन्य वाहन चलती हुई दिखीं। हालांकि सरकारी एवं गैर सरकारी सभी कार्यालय एवं प्रतिष्ठान शनिवार को भी बंद रहे। जगह-जगह पर प्रदर्शनकारियों ने रेलगाड़ियों को भी रोकने की कोशिश की। ऊपरी असम की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों को पहले ही स्थगित कर दिया गया है। जबकि त्रिपुरा में आंदोलन वापस होने के कारण अगरतला से बराक घाटी तक ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। 

 


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