बेगूसराय, 14 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प से सिद्धि मंत्र को आत्मसात करते हुए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड का बरौनी रिफाइनरी लगातार अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री द्वारा फरवरी में विस्तारीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद क्षमता विस्तार समेत विभिन्न नई परियोजनाओं पर लगातार कार्य चल रहा है। जल्दी ही यहां बिहार के पहले पेट्रोकेमिकल की स्थापना हो जाएगी।
बरौनी रिफाइनरी एक अप्रैल 2020 से बीएस-सिक्स इंधन परिचालन निर्धारित समय सीमा से पहले ही बीएस-सिक्स ईंधन का उत्पादन कर पेट्रोल एवं डीजल के पहले बैच को डिस्पैच कर दिया है। यह रिफाइनरी हरित ईंधन उत्पादन करने वाली देश की दूसरी रिफाइनरी बन गई है। देश के प्रथम ग्रीन कूलिंग टॉवर की स्थापना बरौनी रिफाइनरी में की जा रही है। विस्तारीकरण परियोजना (छह से नौ एमएमटीपीए) के अंतर्गत नई एवीयू इकाई से संबंधित कार्य प्रगति पर हैं। विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत 11 नई यूनिट एवं एक नई पॉलीप्रोपलीन यूनिट की स्थापना की जाएगी, जिससे बिहार में पेट्रोकेमिकल उद्योग का आगाज होगा। इंडजेट परियोजना पर भी कार्य चल रहा है। एनएचटी-सीसीआरयू की कमिशनिंग भी जल्द की जाएगी, जिससे रिफाइनरी का जीआरएम बढ़ेगा। नई परियोजनाओं की स्थापना के दौरान सभी पर्यावरण मानकों का ध्यान रखा जा रहा है।
कार्यपालक निदेशक शुक्ला मिस्त्री ने बताया कि बरौनी रिफाइनरी अपने विस्तारीकरण परियोजना लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। यूनिटों की स्थापना के साथ शोधन क्षमता बढ़ाने का कार्य तेजी से चल रहा है। बरौनी रिफाइनरी इंडियन ऑयल की दूसरी रिफाइनरी है जो आज की तारीख में हरित इंधन का उत्पादन कर रही है। बरौनी रिफाइनरी बीएस-सिक्स मानक के इंधन उत्पादन करने में सक्षम हो गई है। लेकिन चुनौतियां अभी शुरू हुई है, बीएस-सिक्स इंधन के उत्पादन के बाद अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी उत्पाद जल्द से जल्द बीएस सिक्स में स्थानांतरित हो जाए। पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा की दिशा में भी इंडियन ऑयल सार्थक काम किया जा रहा है।