रायपुर, 14 दिसंबर (हि.स.)। आर्सेलर मित्तल ने एसबीआई को 40 हजार करोड़ का भुगतान कर एस्सार स्टील के बैलाडीला स्थित स्लरी पाइप लाइन बेनिफिसिएल प्लांट का मालिकाना हक प्राप्त कर लिया है । शुक्रवार को आर्सेलर मित्तल ने एसबीआई के खाते में 40 हजार करोड़ का भुगतान कर दिया। इस कंपनी के संपूर्ण अधिकार 16 दिसंबर से आर्सेलर मित्तल को मिल जाएंगी। इस प्रक्रिया में करीब 863 दिनों तक बैंक के कर्ज का मसला अधर में अटका हुआ था। बीते ढाई बरस से आरबीआई के नियंत्रण में एस्सार स्टील का काम काज चल रहा था। एस्सार द्वारा राशि अदा ना किए जाने की स्थिति में कानूनी प्रक्रियाएं पूरी की गईं।
इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई। इसमें मित्तल स्टील एवं समूह ने खुली बोली में सबसे ज्यादा बोली लगाकर एस्सार की संपत्ति लेने की इच्छा जताई। शुक्रवार 13 दिसंबर को आर्सेलर मित्तल ने एसबीआई के खाते में 40 हजार करोड़ का भुगतान कर दिया।एस्सार स्टील ने बस्तर में 1995 से 1997 के मध्य एनएमडीसी के साथ बातचीत की शुरूआत की। लंबे बातचीत के दौर के बाद 2005 में सरकारी प्रक्रिया पूरी की गई। तब जाकर एस्सार स्टील का काम पूरा हो सका। इसी के साथ बैलाडिला में बेनिफिसिएल प्लांट एस्सार स्टील ने प्रारंभ किया। 8 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता वाले इस बेनिफिसिएल प्लांट से करीब 267 किलोमीटर लंबी स्लरी पाइप लाइन द्वारा पेलेट प्लांट विशाखापटनम तक ले जाना प्रारंभ हुआ। यह स्लरी पाइप लाइन दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी दोहरी पाइप लाइन कहलाती है।पूरी तरह से आटोमैटिक, कम लागत से इस पाइप लाइन के द्वारा आयरन ओर पेस्ट का परिवहन किया जाता रहा है।
दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात निर्माता, आर्सेलर मित्तल ने शुक्रवार को नई दिवालिया और दिवालियापन संहिता के तहत कर्ज में डूबे कंपनी को संभालने के लिए भुगतान किया है। बीते 15 नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लगभग एक महीने बाद भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई है। सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले ने आर्सेलर के लिए एस्सार स्टील को संभालने का मार्ग प्रशस्त किया। यह बैंकों के लिए अब तक की सबसे बड़ी वसूली बताई जा रही है।