नई दिल्ली, 12 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दो सेक्टर को लेकर अहम फैसले लिये गए हैं। मंत्रिमंडल ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर (एचएफसी) को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनबीएफसी और एचएफसी में नकदी को बढ़ाने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम (‘पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम) की शर्तों में भी ढील दी है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2019 के माध्यम से दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 (संहिता) में अनेक संशोधन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इस संशोधन का लक्ष्य संहिता के उद्देश्यों की पूर्ति करना तथा कारोबार में और अधिक सुगमता सुनिश्चित करने के लिए दिवाला समाधान प्रक्रिया में चली आ रही विशेष कठिनाइयों को दूर करना है।
आईआईएफसीएल को वित्त वर्ष 2019-20 में 5,300 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2020-21 में 10,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त इक्विटी सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ये काम नियमित बजटीय सहायता के जरिये और पुनर्पूंजीकरण बांडों को जारी करके पूरा किया जाएगा। सरकार के इसे फैसले के बाद आर्थिक मामलों का विभाग इसके समय के साथ-साथ नियमों व शर्तों को तय करेगा। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईआईएफसीएल की अधिकृत पूंजी को 6,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये करने को भी स्वीकृति दे दी है।