नई दिल्ली, 07 नवम्बर (हि.स.)। देश-दुनिया में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार में जुटी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संस्था ‘संस्कृत भारती’ 9 नवम्बर से दिल्ली के छतरपुर मंदिर परिसर में प्रथम विश्व संस्कृत सम्मेलन का आयोजन करेगी। तीन दिवसीय संस्कृत महाकुंभ में अमेरिका, इंग्लैंड, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, रूस, न्यूजीलैंड और अरब देशों सहित 18 देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इसका उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह करेंगे। यह जानकारी संस्कृत भारती के अंतरराष्ट्रीय संयोजक डॉ. पी. नंद कुमार ने गुरुवार को दी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को विश्व संस्कृत सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन यहां प्रज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। 11 नवम्बर को समापन सत्र को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक संबोधित करेंगे। विश्व संस्कृत सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी का उद्बोधन होगा। केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री डॉ. हर्षवर्धन सम्मेलन स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं।
सम्मेलन में राज्यसभा सदस्य और पद्म विभूषण सम्मान से नवाजी जा चुकीं प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मानसिंह के नेतृत्व में शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। विश्व संस्कृत सम्मेलन में उन्हीं लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया गया है, जो संस्कृत भाषा बोलना जानते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4 हजार 325 लोग अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
डॉ. पी. नंद कुमार ने बताया कि 10 नवम्बर को सायं साढ़े चार बजे से सार्वजनिक सत्र होगा, जिसमें संस्कृत से प्रेम रखने वाले आमजन भी भाग ले सकते हैं। इस सत्र की अध्यक्षता महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी करेंगे। विश्व संस्कृत सम्मेलन में ‘संस्कृत में विज्ञान’, संस्कृत डॉक्यूमेंट्री, पांडुलिपियां, संस्कृत शिलालेखों, कवि श्रेष्ठ कालिदास के जीवन जैसे विषयों पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। सम्मेलन में केवल संस्कृतभाषी एवं दायित्ववान कार्यकर्ता प्रवेश कर सकेंगे। वे सभी अपने व्यय से दिल्ली आएंगे और यहां भी शुल्क देंगे ताकि संस्कृत सेवा के कार्य को गति दी जा सके।
उन्होंने बताया कि संस्कृत भारती देश के 583 जिलों में कार्य कर रही है। इसके 111 पूर्णकालिक कार्यकर्ता और संगठन से जुड़े हजारों अन्य स्वयंसेवक सेवाभाव से देववाणी संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा बनाने में लगे हैं। संस्कृत भारती पिछले चार दशक से दुनिया में संस्कृत भाषा के संरक्षण व संवर्द्धन में जुटी हुई है। दुनिया में संस्कृत के प्रति बढ़ती उत्सुकता को देखकर संस्कृत भारती ने विश्व संस्कृत सम्मेलन आयोजित करने की पहल की है। सम्मेलन में संस्कृत भाषा के प्रसार के लिए तीन वर्षों की रणनीति बनाई जाएगी।
सम्मेलन में संस्कृत भाषा के बालसंस्कार केन्द्रम, श्लोक उच्चारण केन्द्रम, संस्कृते विज्ञानम्, पुस्तक प्रकाशनम्, सम्भाषण सन्देश की पुस्तकें बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगी।