बैंकाक/नई दिल्ली, 03 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से वार्ता की और पड़ोसी देश से कहा कि भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में सक्रिय उग्रवादी गुटों को उसके क्षेत्र में गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाए।
मोदी ने बैंकाक में आयोजित शिखर बैठकों से अलग दक्षिण पूर्व एशिया के नेताओं से मुलाक़ात के क्रम में आंग सान सू की से द्विपक्षीय सहयोग विशेषकर संपर्क सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की। उन्होंने भारत-म्यांमार सीमा क्षेत्र में उग्रवादी तत्वों के खात्मे के लिए आपसी सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने म्यांमार की सेना, पुलिस और प्रशासन की क्षमता वृद्धि के लिए भारत के सहयोग की भी चर्चा की।
प्रधानमन्त्री ने म्यांमार में रोहिंग्या समस्या के सबंध में आंग सान सू की से कहा कि बांग्लादेश में शरण लिये लोगों की जल्द सुरक्षित स्वदेश वापसी होनी चाहिए। यह म्यांमार, बांग्लादेश और भारत सहित इस पूरे क्षेत्र के हित में होगा। मोदी ने कहा कि रोहिंग्या बहुल रखाइन प्रांत में भारत ने 250 आवासों का निर्माण किया है तथा अन्य विकास परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध है ।
मोदी ने कहा कि भारत की लुक ईस्ट ( पूर्व की ओर देखो) और पड़ोसी को प्राथमिकता देने की नीति में म्यांमार को बहुत महत्व देता है। भारत म्यांमार होते हुए दक्षिण पूर्व एशिया तक संपर्क की कई परियोजनाओं में सहयोग कर रहा है, जिनमें बंदरगाहों का विकास शामिल है। भारत इस क्षेत्र के उद्यमियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए नवम्बर महीने में एक सम्मलेन आयोजित करेगा, जिसमें भारत, म्यांमार, लाओस , वियतनाम और कम्बोडिया के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इस मुलाकात मे आंग सान सू की ने म्यांमार में लोकतंत्र को मजबूत करने और विकास में सहायता करने के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया।