सवा आठ घंटे बाद दिल्ली-हावड़ा डाउन ट्रैक पर गाड़ियों का संचालन हो सका बहाल

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कानपुर देहात, 19 अगस्त (हि.स.)। जनपद के झींझक रेलवे स्टेशन के पास बुधवार शाम डाउन ट्रैक पर महोबाधी एक्सप्रेस से मवेशी टकराकर ओएचई लाइन में जा गिरा था। लाइन टूटने से दिल्ली-हावड़ा डाउन ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया। रेलवे की तकनीकी टीम के अथक प्रयास करते हुए ओएचई लाइन की मरम्मत करते हुए सवा आठ घंटे के बाद ट्रैक फिर से बहाल हाे गया। इस दौरान 30 से ज्यादा ट्रेनें जहां की तहां खड़ी रह गईं थीं और यात्रियों ने हंगामा भी काटा।

कानपुर देहात के झींझक स्टेशन के पास बुधवार शाम करीब 5:10 पर डाउन ट्रैक पर जाने वाली महाबोधि एक्सप्रेस में नासरखेड़ा फाटक के पास एक साड़ ट्रेन से टकरा गया था। साड़ कई फिट ऊपर उछल गया और ऊपर लगी ओएचई लाइन में जा गिरा। मवेशी के वजन से डाउन ट्रैक की ओएचई लाइन टूट गई और सभी ट्रेनें जहां की तहां रुक गईं। लाइन टूटने की सूचना पर रेलवे कर्मी मौके पर पहुंचे और मरम्मत का कार्य शुरू किया गया।

इधर, रेलमार्ग पर फंसी ट्रेनों में बैठे यात्रियों को जब मिनटों की जगह घंटों का इंतजार करना पड़ा तो सभी विचलित होकर ट्रेन के बाहर उसके न बढ़ने का कारण जानने उतर आए। ओएचई लाइन टूटने से दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर फिरोजाबाद से लेकर इटावा, कानपुर, फतेहपुर, प्रयागराज तक करीब 30 से ज्यादा ट्रेनें फंस गई और यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। ट्रेनों की संचालन बन्द होने से कानपुर, इटावा, भरथना, झींझक सहित कई स्टेशन पर विलंबित होने से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। यात्रियों ने प्लेटफार्म पर डेरा जमा लिया और ट्रैक बहाल होने का इंतजार करते रहें।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर तो ट्रेनों का संचालन ठप होने से यात्रियों की भीड़ जमा हो गई यात्रियों की परेशानियों को देखते उप यातायात प्रबंधक हिमांशु शेखर उपाध्याय स्टेशन परिसर पर जमे रहे और पानी व खानपान आदि की व्यवस्था कराई। उन्होंने यात्रियों को ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू होने तक घूम-घूमकर व्यवस्थाओं का हालचाल लेते रहें।

उधर, रेलवे की तकनीकी टीम व कर्मियों की कड़ी मशक्कत नासरखेड़ा फाटक के पास टूटी ओएचई लाइन को दुरूस्त करने में जारी रही और लगभग सवा आठ घंटे के बाद देर रात करीब एक बजकर 27 मिनट पर ट्रेनों के संचालन के लिए एक बार फिर ट्रैक बहाल किया जा सका। रेल मार्ग बहाल होने के बाद झींझक रेलवे स्टेशन से सबसे पहले विक्रमशिला एक्सप्रेस को डीजल का इंजन लगाकर गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इसके बाद ट्रैक पर गाड़ियों के दूर अंतराल रखते हुए अन्य ट्रेनों को रवाना किया गया। ट्रैक बहाल होने पर यात्रियों ने भ राहत की सांस ली और अपने-अपने गंतव्य के लिए ट्रेनों से निकल गए।


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