डॉल्फिन के दीदार के लिए गंगा तट पर लगने लगी लोगों की भीड़
भागलपुर, 17 जुलाई (हि.स.)। जिले के सुल्तानगंज से लेकर कहलगांव तक फैले विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य में गंगा के बढ़ते जलस्तर के साथ ही गंगा तट पर डॉल्फिन (बोनस) साफ देखी जा सकती हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी दीपनगर घाट से मानिक सरकार घाट के बीच डॉल्फिन का एक बड़ा समूह दिखाई देने लगा है। इलाके के लोगों में इसको लेकर काफी उत्सुकता देखी जा है। डॉल्फिन को देखने बड़ी संख्या में लोग गंगा घाट पहुंच रहे हैं।
डॉल्फिन हमारा राष्ट्रीय जलीय जीव है, जिसे केंद्र सरकार ने विलुप्त प्राय राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित कर रखा है। आज यह अति संकटग्रस्त प्रजातियों में सूचीबद्ध है। इसे संरक्षण की आवश्यकता है। जागरुकता के अभाव में आज भी कई लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान लगातार जागरुकता अभियान चलाता रहा है। भागलपुर का 60 किलोमीटर का गंगा विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित है। यहां कछुओं की कई प्रजातियां, ऊदबिलाव और लगभग 250 प्रजाति की पक्षियों के साथ ही अन्य कई जीव रहते हैं। डॉल्फिन अंब्रेला प्रजाति है। इसके संरक्षण मात्र से ही अन्य सभी जीवों का संरक्षण संभव है।
पिछले साल भारतीय वन्यजीव संस्थान के गंगा प्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार ने लोगों में डॉल्फिन और अभयारण्य से अवगत कराने के लिए लगातार 3 माह तक जागरुकता अभियान चलाया था। इन दौरान शहर के कई सामाजिक संगठन के लोग, विद्यार्थी, जनप्रतिनिधि, महिलाएं, बच्चे, गणमान्य लोग, डॉक्टर, वकील, शिक्षक, समाचार पत्र से जुड़े लोग और शहरवासी गंगा तट पर डॉल्फिन का दीदार करने पहुंचे। उस समय ऐसा लगा कि मानों यहां मेला लगा हो।
भारतीय वन्यजीव संस्थान के गंगा प्रहरी स्पेयरहेड दीपक कुमार ने कहा कि इस साल भी बड़े पैमाने पर लोगों को जागरूक किया जाएगा। ऐसे कार्यक्रमों से जुड़कर लोग वन्य जीवों के प्रति जागरूक होते हैं। गंगा एवं गंगा से जुड़े जीवों की रक्षा के लिए समर्पित होते हैं। इसके अलावा शहर की कई संस्थाएं और विशेषज्ञ डॉल्फिन के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं।