तीन माह नि:शुल्क राशन और काम की व्यवस्था करेगी सरकार मध्य प्रदेश में 21 लाख मजदूरों को
भोपाल, 21 अप्रैल (हि.स.)। देश के कई राज्यों में कोरोना ने हाल बेहाल कर रखा है। प्रतिदिन संक्रमित होने और मरनेवालों के आंकड़े में इजाफा हो रहा है। संकट की इस घड़ी में जिस तरह से एक बार फिर जिन्दा रहने की जद्दोजहद के बीच पलायन का दौर शुरू हुआ है, उसमें राज्य शासन ने मजदूरों के लिए अहम पहल की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश से पलायन कर रहे मजदूरों से आग्रह किया है कि वे राज्य से बाहर ना जाएं बल्कि उनके लिए अल्पाहार से लेकर भोजन और जरूरत पड़ने पर रोजगार तक कि व्यवस्था सरकार करेगी। इसे लेकर उन्होंने ट्वीटर पर एक वीडियो एवं संदेश भी ट्वीट किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने संदेश में लिखा, ”मध्यप्रदेश में मजदूर भाई-बहनों को काम देने की पूरी व्यवस्था की गई है। उनको कहीं जाने की जरूरत नहीं है, आज मनरेगा में लगभग 21 लाख मजदूर नियोजित हैं। उन्हें 3 माह का राशन नि:शुल्क दिया जा रहा है, लेकिन यदि मध्यप्रदेश में मजदूर भाई-बहन आएंगे तो उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा।”
वहीं, मुख्यमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में कहा, ”आज की तारीख में मनरेगा के 21 लाख के आसपास प्रदेश में मजदूर हैं। सरकार उनके लिए हर संभव सहायता मुहैया कराएगी। उन्हें मध्य प्रदेश के बारह जाने की कोई जरूरत नहीं। यदि मप्र में मजदूर भाई-बहन रहेंगे तो उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा, उनको चाय, नश्ता, भोजन जरूरत पड़ने पर काम देने तक उनका सारा ध्यान रखेंगे, जिससे संकट के समय उन्हें कोई परेशानी ना हो। सरकार उन्हें 3 महीने का राशन मुफ्त दे रही है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या 82 हजार के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 13 हजार से ज्यादा नए केस मिले हैं। अप्रैल महीने के बीते 20 दिनों में 774 मौतें हो चुकी हैं और कुल प्रदेश में संक्रमण दर 24 प्रतिशत पर जा पहुंची है। इसीलिए सरकार अब कुछ और सख्त कदम उठाने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही उन शहरों में टोटल लॉकडाउन लगाने का फैसला कर सकती है, जहां संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। साथ ही मुख्यमंत्री ने विशेष मंत्रणा करने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत और सह संगठन मंत्री हितानंद को भी सीएम हाउस बुलाया गया था।
उधर, कोरोना के बढ़ते प्रसार को कम करने के लिए राज्य सरकार नई गाइडलाइन भी जारी कर चुकी है। इसमें कहा गया है कि आवश्यक सेवाएं देने वाले कार्यालयों को छोड़कर केंद्र व राज्य के सभी दफ्तरों में 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी उपस्थित नहीं होंगे, जबकि इससे पहले के आदेश में सरकारी कार्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25 प्रतिशत तक अनिवार्य की गई थी। गृह विभाग ने नई गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी कलेक्टरों को दी है। आदेश के मुताबिक कलेक्टोरेट, पुलिस, आपदा प्रबंधन, फायर, स्वास्थ्य, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन और कोषालय को अतिआवश्यक सेवाएं माना गया है। गृह विभाग का कहना है, संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सख्ती की जा रही है।