कर्नाटक : ब्रिटेन के साथ उच्च शिक्षा में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर
बेंगलुरु, 17 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और ब्रिटिश काउंसिल ने गुरुवार को उच्च शिक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए एक समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों सरकार उच्च शिक्षा संस्थानों में नेतृत्व विकास पर सहयोग से जुड़े तीन साल के पहले एमओयू पर हस्ताक्षर कर रही हैं। भारत और ब्रिटेन का संबंध व्यापार और वाणिज्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा और संस्कृति सहित सहयोग के कई क्षेत्रों तक फैला है।
कर्नाटक सरकार के ग्लोबल इनोवेशन एलायंस (जीआईए) ने दुनियाभर के देशों के साथ नवाचार साझेदारी के लिए पहल की है, जिसने प्रमुख टेक हब के रूप में कर्नाटक की वैश्विक छवि बढ़ाने में योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने टेक हब और टेक क्लस्टर्स कार्यक्रमों के साथ-साथ गो ग्लोबल कार्यक्रमों की स्थापना का स्वागत किया, जो भारत से यूके के लिए अभिनव स्टार्ट-अप हैं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के लिए ब्रिटेन बहुत ही महत्वपूर्ण जीआईए भागीदार रहा है और वर्ष 2017-18 में भारत में ब्रिटेन के 38 प्रतिशत निवेश कर्नाटक में आए हैं।
इस मौके पर ब्रिटिश काउंसिल के भारत में निदेशक बारबरा वीकेम ने कहा कि द इंडियस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 में दी गई महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करते हुए भारत-ब्रिटेन के शिक्षा संबंधों की पारस्परिक दृष्टि को साकार करने के लिए एमओयू एक और कदम है। हम कर्नाटक के इच्छुक छात्रों के लिए अधिक शिक्षा और रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ मजबूत उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए राज्यों के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।
उपमुख्यमंत्री डॉ. सीएन अश्वथ नारायण ने कहा कि भारत शिक्षा में बड़े बदलाव के लिए तैयार है। एनईपी एक परिवर्तन अवसर के रूप में सेवारत है। एनईपी के कार्यान्वयन में कर्नाटक राज्य सबसे आगे है। ब्रिटिश काउंसिल के दक्षिण भारत निदेशक जनक पुष्पाथन ने कहा कि दुनियाभर में सरकारों के लिए रोजगार और उत्थान एक फोकस क्षेत्र है और हमें विश्वास है कि समझौता ज्ञापन के हिस्से के रूप में सह-विकसित कार्यक्रम कर्नाटक और ब्रिटेन दोनों के लिए वांछित परिणाम लाने में मदद करेंगे। कार्यक्रम में विदेश और विकास मामलों के राज्य सचिव डोमिनिक राब तथा राज्य के मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर और अन्य भी उपस्थित थे।