फ्रांसीसी ​एयरफोर्स के लिए भारत में बनेंगे ​अल्बाट्रोस​​ विमान

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​पहला विमान फ्रांस में बनेगा और शेष 11 का निर्माण भारत में किया जायेगा राफेल डील के ​​ऑफसेट ​कॉन्ट्रैक्ट पर भारत को मिलेगी विमान की तकनीक  तकनीक हस्तांतरण न होने पर ​कैग ने ​संसद में पेश रिपोर्ट में ​उठाये थे सवाल ​​​



नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (हि.स.)​​​​​ फाइटर जेट राफेल डील के ​​ऑफसेट ​​कॉन्ट्रैक्ट के हिस्से के रूप में​ फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट ​एविएशन ​​​​​अल्बाट्रोस​ ​फाल्कन​-​2000​ ने विमान की तकनीक भारत को देने पर सहमति जताई है​​ ​​फाल्कन ​​संस्करण ​का यह विमान ​निगरानी, ​​टोही, सतह रोधी हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध या बेड़े के प्रशिक्षण जैसे मिशनों के लिए विकसित किया गया है​​। यह पहली बार होगा जब कोई अंतरराष्ट्रीय कंपनी अपने देश ​की एयरफोर्स के लिए पूरे विमान का निर्माण भारत में करेगी। भारत को राफेल विमानों की आपूर्ति शुरू होने के बाद भी फ्रांसीसी कंपनी से डिफेंस ऑफसेट पॉलिसी​ के तहत ​​तकनीक हस्तांतरण न होने पर ​नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (​​कैग) ने मानसून सत्र के दौरान ​​संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में ​सवाल उठाये थे​​

फ्रांस की कंपनी ​​डसॉल्ट एविएशन से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल विमानों की डील करते समय ​​ऑफसेट ​​कॉन्ट्रैक्ट में ​डीआरडीओ को कावेरी इंजन की तकनीक देकर 30 प्रतिशत ऑफसेट पूरा करने की बात तय हुई थी। ​​भारत की डिफेन्स ऑफसेट पॉलिसी के मुताबिक 300 करोड़ रुपये से ज्यादा ​का रक्षा सौदा होने पर विदेशी कंपनियों को अनुबंध का 30 प्रतिशत हिस्सा भारत में रिसर्च या उपकरणों पर खर्च करना होता है। राफेल ​सौदे में ​​​ऑफसेट पॉलिसी पूरी न होने पर कैग ने रक्षा मंत्रालय को इस पॉलिसी की समीक्षा करने की सलाह दी थी इसके बाद जारी की गई नई रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी)-2020 में इस व्यवस्था को बदल दिया गयानई गाइडलाइंस इस तरह की बनाई गई हैं कि अब सरकार-से-सरकार, अंतर-सरकार और एकल विक्रेता से रक्षा खरीद में ऑफसेट ​​पॉलिसी लागू नहीं होगी
​बहरहाल राफेल डील के समय तय हुए ​ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट​ के मुताबिक ​भारत को 30​ हजार करोड़ का ऑफसेट पैकेज​ दिया जाना है। ​इसलिए अब फ्रांसीसी कंपनी ने भारत को​​ ​अल्बाट्रोस ​फाल्कन​-​2000​ की तकनीक ​देने पर सहमति जताई है।​ कंपनी का कहना है कि चौथा ​​​अल्बाट्रोस​ ​फाल्कन​-​2000 ​​​विमान फ्रांसीसी ​वायु​सेना को देने के बाद भारत को ​इसकी तकनीक ​हस्तांतरित ​की जाएगी।​ ​​​फाल्कन ​​संस्करण का यह विमान निगरानी, ​​टोही, सतह रोधी हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध या बेड़े के प्रशिक्षण जैसे मिशनों के लिए विकसित किया गया है​। ​​​​अल्बाट्रोस​ ​फ्रेंच ​​एयरफोर्स के मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट (एमपीए) ​​​की अगली पीढ़ी ​का विमान ​है जिसमें बोइंग पी​-​8 ​जैसी कुछ विशेषताएं हैं।​ ​
डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने बताया कि फाल्कन 2000 अल्बाट्रोस एक उच्च-प्रदर्शन वाला विमान है जो नवीनतम पीढ़ी के मिशन सिस्टम और सेंसर से लैस है। ​​ये विमान समुद्री सुरक्षा ​के अलावा प्रदूषण और तस्करी​ रोकने​, सीमाओं और बहिष्कार क्षेत्रों की निगरानी, ​​मछली पालन, समुद्र में खोज और बचाव ​​आदि​ में मदद करेंगेकंपनी के मुताबिक ​​पहला विमान फ्रांस में निर्मित किया जाएगा​ और शेष 11 का उत्पादन ऑफसेट व्यवस्था के हिस्से के रूप में भारत में किया जाएगा​​​सभी ​12 विमानों का कॉन्फ़िगरेशन फ्रांस में ​करने के बाद ​2025 ​तक निर्माण पूरा हो जायेगा​ भारत में फाल्कन 2000 एलएक्सएस विमान का निर्माण भारतीय ऑफसेट और मेक-इन-इंडिया नीति के ​तहत होगा​​यह पहली बार होगा जब कोई अंतरराष्ट्रीय कंपनी अपने देश ​की  एयरफोर्स के लिए पूरे विमान का निर्माण भारत में करेगी।
 

 


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