सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अमीष देवगन की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

0

सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का किया था इस्तेमाल



नई दिल्ली, 26 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अमीष देवगन की सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में अगले आदेश तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी कर 8 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने अमीष देवगन के वकील सिद्धार्थ लूथरा को निर्देश दिया कि वो इस मामले में एफआईआर के सभी शिकायतकर्ताओं को पक्षकार बनाएं। लूथरा ने कोर्ट से कहा कि देवगन से अनजाने में गलती हो गई है, जिसके लिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि अमीष देवगन के खिलाफ राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। देवगन के परिवार वालों को भी धमकी दी जा रही है। महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर के दो शिकायतकर्ताओं की ओर से वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा कि देवगन ने अपने प्रोग्राम में कई बार लुटेरे चिश्ती शब्द का प्रयोग किया।
अमीष देवगन ने अपने 15 जून के टीवी शो में लुटेरे चिश्ती के नाम से एक कार्यक्रम प्रसारित किया था। उस कार्यक्रम से मुस्लिम समुदाय के लोगों में काफी आक्रोश हो गया। उस शो में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती को आक्रामक और लुटेरा कहा गया था। इस शो के खिलाफ मुंबई में रजा एकेडमी नामक संस्था ने देवगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मुंबई के अलावा नांदेड़ पुलिस ने भी देवगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रखा है।
वकील मृणाल भारती और विवेक जैन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि देवगन के खिलाफ दर्ज एफआईआर पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। याचिका में कहा गया है कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में गलती से लुटेरा कहा गया। इसमें देवगन का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। उस कार्यक्रम के बाद देवगन ने अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए ट्वीट भी किया था। याचिका में दोनों एफआईआर को दिल्ली में ट्रांसफर कर जांच करने की मांग की गई है।

 


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *