कुशीनगर, 29 मई (हि.स.)। रक्षा मंत्रालय ने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में समाहित पूर्व की एयरस्ट्रिप की भूमि समेत 19 गांवों में स्थित कुल 275.47 एकड़ भूमि पर अपना स्वामित्व होने का दावा किया है। रक्षा सम्पदा अधिकारी ने जिलाधिकारी से उक्त भूमि के अभिलेख (खसरा खतौनी) व राजस्व मानचित्र में रक्षा मंत्रालय का नाम अंकित कर प्रमाणित प्रति मांगी है। रक्षा मंत्रालय के इस कदम से एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने को लेकर पेंच फंस सकता है।
कुशीनगर के नए व्यावसायिक एयरपोर्ट का निर्माण 589.35 एकड़ क्षेत्रफल में हुआ है। इसमें किसानों से खरीदी गई 455.794 एकड़ भूमि का इस्तेमाल किया गया है। शेष भूमि पूर्व के एयरस्ट्रिप की थी। एयरस्ट्रिप की भूमि का प्रबंधन रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाले रक्षा सम्पदा विभाग इलाहाबाद के पास है। रक्षा सम्पदा अधिकारी विनीत कुमार ने 12 मई को जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा। पत्र में कहा गया कि रक्षा मंत्रालय में उपलब्ध पुराने राजस्व अभिलेखों के आधार पर कसया तहसील के 19 गांवों की जमीन रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व वाली है। पुराने अभिलेखों में उक्त भूमि रक्षा सम्पदा, सड़क हवाई अड्डा, सड़क एयरोड्रम और नागरिक उड्डयन विभाग के नाम दर्ज है। रक्षा सम्पदा अधिकारी ने पत्र के साथ मंत्रालय का एसएलआर अभिलेख व अधिग्रहण के दौरान प्राप्त राजस्व अभिलेख की प्रति भी भेजी है। रक्षा सम्पदा अधिकारी ने जिलाधिकारी से उक्त भूमि के बंदोबस्त के उपरांत सम्बन्धित राजस्व ग्रामों में स्थित रक्षा भूमि का चिन्हित राजस्व नक्शा की प्रमाणित प्रति मांगी है।
इन 19 गांवों में है रक्षा मंत्रालय की भूमि
कसया तहसील के राजस्व ग्राम कनखोरिया, सेमरी, सेमराधुसी, डिहवा बुजुर्ग, परसौनी मुकन्दहा, बैरिया राजा, बेलवा रामजस, भरौली, नीबी, कसया, बेलवा दुर्गाराय, नरकटिया खुर्द, मथौली, खोराबार, भलुही मदारीपट्टी, गोपालगढ़, चरगहा में स्थित है।
600 करोड़ की लागत से बना है कुशीनगर एयरपोर्ट
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर राज्य सरकार ने कुल 600 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। 200 करोड़ रुपये रन-वे, एप्रन, चाहरदीवारी, फायर बिल्डिंग, एटीसी बिल्डिंग पर खर्च किए गए हैं। भूमि खरीद पर 400 करोड़ खर्च किए गए। इसके अतिरिक्त ब्रिटिशकालीन एयरस्ट्रिप की 190 एकड़ जमीन भी एयरपोर्ट में समाहित कर ली गई है। यहां से उड़ान की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही थी। एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया स्वामित्व प्राप्त करने के साथ रूट व एविएशन कम्पनी का चयन भी कर चुकी है।
क्या कहते हैं उप जिलाधिकारी
कसया तहसील के उप जिलाधिकारी देश दीपक सिंह ने बताया कि नियमानुसार कोई भी नामांतरण इत्यादि मात्र पत्र व्यवहार के आधार पर नहीं किया जा सकता है अपितु सक्षम न्यायालय में वाद योजित कर गुण दोष के आधार पर नामांतरण की कार्यवाही की कराई जा सकती है। रक्षा सम्पदा अधिकारी को इस तथ्य से अवगत करा दिया गया है।