नई दिल्ली, 21 मई (हि.स.)। देश में कोरोना का संक्रमण का प्रसार कितना बढ़ेगा इसका अनुमान लगाने के लिए केन्द्र सरकार ने समुदाय आधारित सीरो सर्वे की शुरुआत की है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर), नेशनल सेंटर फॉऱ डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), विश्व स्वास्थ्य संगठन व राज्य सरकार के साथ मिल कर यह सीरो सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वे से इस वैश्विक महामारी के संक्रमण के व्यापक प्रसार का अनुमान लगाया जा सकेगा। इस सर्वे के नतीजों से केन्द्र सरकार और राज्य सरकार इससे निपटने के उपायों को तेज करने के साथ-साथ योजनाएं भी बना पाएंगे। 21 राज्यों के 69 जिलों में किए जा रहे इस सीरो- सर्वे के नतीजों से कोरोना के प्रसार के बारे में जान सकेंगे।
क्या होता है सीरो-सर्वेक्षण?
सीरो-सर्वेक्षण में शहरों के स्थानों (कंटेनमेंट जोन, ग्रीन जोन) में व्यक्तियों के समूह के ब्लड सीरम को इकट्ठा कर उसमें एंटीबॉडीज का पता लगाया जाता है। सीरो टेस्ट में उस स्थान और देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार का अनुमान लगाया जा सकता है। इस सर्वे से सरकार और उसकी एजेंसियों को कोरोना के प्रसार पर नजर रखने में मदद मिलेगी और उसके लिए समय रहते रणनीति बनाई जा सकेगी।
देश में अब तक 26 लाख से ज्यादा सैंपल टेस्ट किये गए
देश में अब तक कोरोना के कुल 26,15920 सैंपल का परीक्षण किया गया है और रोजाना एक लाख से अधिक परीक्षण हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 555 परीक्षण प्रयोगशालाओं में 1,03532 सैपल का परीक्षण किया गया है।