असम में फैला अफ्रीकन स्वाइन फ्लू, 2,500 से अधिक सूअरों की मौत
गोलाघाट (असम), 06 मई (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच असम के छह जिलों में इन दिनों अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का कहर बढ़ गया है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में सूअरों की मौत हो रही है। असम सरकार ने रविवार को कहा था कि राज्य में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू का पहला मामला पाया गया है और इससे 306 गांवों में 2,500 से अधिक सूअर मारे जा चुके हैं। गोलाघाट जिला के बोकाखात विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह के दौरान 53 सूअरों की मौत हो चुकी है। अभी तक इस बीमारी की कोई दवा भी सामने नहीं आई है।
यहां काफी संख्या में बेरोजगार युवकों ने सूअर पालन को रोजगार के रूप में अपना रखा है लेकिन अफ्रीकन स्वाइन फ्लू के चलते सूअर पालन करने वालों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। स्थानीय लोग राज्य के कृषि मंत्री व स्थानीय विधायक अतुल बोरा से इस मामले में अवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। बोकाखात के धोवाबाती बेलगुरी गांव निवासी बिरु बारी ने बताया कि उसके सूअर फार्म के 81 सूअरों में से 53 की मौत हो चुकी है। सूचना दिए जाने के बावदूद पशु पालन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने बताया कि पशु चिकित्सक आते हैं और जांच करने के बाद लौट जाते हैं। इस बीमारी से उसे बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने अब तक जांच रिपोर्ट नहीं मिलने का भी आरोप लगाया है।
अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से धुवावाती बेलगुरी गांव में भी अब तक सैकड़ों सूअरों की मौत हो चुकी है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से महज कुछ दूरी पर सूअरों की मौत से उद्यान के पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर भी वन विभाग को चिंता सताने लगी है। असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा का कहना है कि राज्य सरकार केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद भी तुरंत सूअरों को मारने के बजाय इस घातक संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कोई अन्य रास्ता अपनाएगी। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का कोविड-19 से कोई लेना-देना नहीं है।