राष्ट्रपति ने वर्ष 2015, 2016, 2017 और 2018 के लिए प्रदान किए गांधी शांति पुरस्कार
नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को वर्ष 2015, 2016, 2017 और 2018 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए। 2015 के लिए कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद केंद्र को ग्रामीण विकास, शिक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के विकास में योगदान के लिए पुरस्कार दिया गया।
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित कार्यक्रम में विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी के पी. परमेश्वरन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 2015 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्राप्त किया। इसके तहत एक करोड़ रुपये, एक फलक और प्रशस्ति पत्र दिया गया।
2016 के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन को लाखों बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने में योगदान के लिए और सुलभ इंटरनेशनल को भारत में स्वच्छता की स्थिति में सुधार लाने और मैनुअल मैला ढोने वालों की मुक्ति के लिए के लिए संयुक्त रूप से यह पुरस्कार प्रदान किया गया। अक्षय पात्र के अध्यक्ष मधु पंडित दासा और सुलभ इंटरनेश्नल के बिंदेश्वर पाठक ने पुरस्कार प्राप्त किया।
एकल अभियान ट्रस्ट को देश के दूरस्थ इलाकों में ग्रामीण और जनजातीय बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में उसके योगदान, ग्रामीण सशक्तिकरण, लिंग और सामाजिक समानता में योगदान के लिए 2017 के लिए पुरस्कार दिया गया। एकल अभियान के ट्रस्टी मांगी लाल जैन ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
2018 के लिए जापान के योहेई सासाकावा को भारत और दुनिया भर में कुष्ठ उन्मूलन में उनके योगदान के लिए गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्श मानने वाले नेल्सन मंडेला से लेकर बाबा आमटे तक और रामकृष्ण मिशन से लेकर बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक तक, सभी ‘गांधी शांति पुरस्कार’ विजेताओं ने अहिंसा, करुणा, नैतिकता और नि:स्वार्थ सेवा की सार्थकता में लोगों की आस्था बढ़ाई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज पूरी दुनिया यह स्वीकार कर रही है कि गांधी के मूल्यों को अपनाकर ही विश्व में शांति और सतत विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांधी के बताए रास्ते पर चल कर ही विश्व-समुदाय पर्यावरण और सामाजिक सौहार्द के क्षेत्र की गम्भीर चुनौतियों का सामना कर सकता है। उन्होंने कहा कि ‘इन्टरनेशनल सोलर अलायंस’ के नेतृत्व से लेकर ‘स्वच्छ भारत मिशन’ तक, हमारे देश ने गांधी के मूल्यों के अनुरूप प्रभावकारी कदम उठाए हैं और बड़े लक्ष्य तय किए हैं।