सभी राज्य सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 लागू करें: एनजीटी

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नई दिल्ली  (हि.स.)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने देश भर में ठोस कचरे के निस्तारण के लिए बने कानून सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 को लागू करने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से ठोस कचरे का निस्तारण नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया है कि इसके प्रबंधन की समीक्षा करें। इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

एनजीटी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को एक मार्च से दो मई तक अलग-अलग तिथियों में कार्रवाई रिपोर्ट के साथ पेश होने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने सबसे पहले एक मार्च को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को जबकि सबसे बाद में लक्षद्वीप के मुख्य सचिव को दो मई को एनजीटी में अपनी कार्रवाई रिपोर्ट के साथ पेश होने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने अपने कड़े निर्देश में कहा है कि मुख्य सचिव अपने बदले किसी दूसरे अधिकारी को नहीं भेज सकते हैं। हालांकि एनजीटी ने मुख्य सचिवों को इस बात की छूट दी है कि अगर किसी राज्य का मुख्य सचिव अपनी पेशी की तिथि पर पेश होने में असमर्थ है तो उसे इसकी सूचना पहले से देनी होगी ताकि उसके लिए दूसरी तिथि तय की जा सके।

अपने दिशानिर्देश में एनजीटी ने कहा है कि राज्य अपनी वेबसाइट पर ये प्रदर्शित करेंगे कि एनजीटी के दिशानिर्देशों और पहले के आदेशों का कितना पालन हुआ है। एनजीटी ने केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो सभी प्रदूषण नियंत्रण संगठनों और औद्योगिक संगठनों के साथ समन्वय कर ये कचरे को कम करने के लिए कार्यक्रम तय करेंगे। एनजीटी ने राज्यों के सचिवों को निर्देश देते हुए कहा है कि छोटे और बड़े नालों का पानी छनकर निकले ताकि ठोस कचरा नदी, नालों, तालाब और झील में न गिरें।

एनजीटी ने ठोस कचरे के निस्तारण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और कमेटियों के चेयरपर्संस की भी नियुक्ति की है। ये सभी चेयरपर्संस संबंधित राज्य के हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज या रिटायर्ड नौकरशाह हैं।


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