बेगूसराय, 10 दिसम्बर (हि.स.)। बेगूसराय से साहेबपुर कमाल तक एनएच की बदतर स्थिति के कारण रोज सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। बीते छह महीने में दस से अधिक लोगों की जान जा चुकी है लेकिन सरकार के पास एक भी दुर्घटना की सूचना नहीं है। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने राज्यसभा में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में सोमवार को दी।
दरअसल राज्य सभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने बेगूसराय से साहेबपुर कमाल तक राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-31 की बदहाल स्थिति के संबंध में अतारांकित प्रश्न के माध्यम से इस संबंध तीन मुद्दे पर प्रश्न उठाया था। इसमें उन्होंने कहा था कि बेगूसराय से साहेबपुर कमाल तक एनएच-31 की बदहाल स्थिति के लिए कौन अधिकारी अथवा एजेंसी जिम्मेदार है? क्या सरकार इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी या एजेंसी के विरुद्ध जांच आरंभ करेगी? एनएच-31 पर सड़क की बदहाल स्थिति के कारण कितनी सड़क दुर्घटना हुई है?
इसके जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क की खराब दशा के कारण कोई दुर्घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। बेगूसराय से साहेबपुर कमाल तक का यह खंड बिहार में एनएच-31 के सिमरिया से खगड़िया तक में चल रहे फोरलेन कार्य का एक हिस्सा है। उपरोक्त कार्य मैसर्स पुंज लॉयड लिमिटेड द्वारा ठेकेदार के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। वैष्णवी इंफ्राटेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से योगमा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा पर्यवेक्षण किया जा रहा है। ठेकेदार की खराब वित्तीय स्थिति के कारण कार्य में देरी हुई है। इस खंड के रख-रखाव के लिए ठेकेदार को नोटिस जारी किए गए हैं। एनएचएआई ने ठेकेदार के जोखिम और लागत पर खंड के मरम्मत के लिए कार्रवाई शुरू की है। हालांकि ठेकेदार ने भी खंड के रख-रखाव का कार्य शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि बेगूसराय से साहेबपुर कमाल के बीच पूर्वोत्तर भारत को देश केे अन्य राज्यों से जोड़ने वाले सबसे महत्वपूर्ण एनएच की हालत काफी बदतर है। इस खंड पर 20 किलोमीटर की यात्रा करने में तीन घंटा से भी अधिक समय लग रहा है। इसके कारण रोज हादसे भी हो रहे हैं। इसको लेकर इसी खंड के स्थायी निवासी प्रो. राकेश सिन्हा ने सोमवार को राज्यसभा में सवाल उठाया। इससे पहले बेगूसराय के सांसद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कई स्तर पर बैठक और वार्ता कर फोरलेन बनने में हो रहे विलंब केेे कारण सड़क को दुरुस्त करने का निर्देश दिया था, जिस पर कार्रवाई शुरू हुई लेकिन गति बहुत ही धीमी है।