सीलिया, 14 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यहां ब्रिक्स सम्मेलन से इतर एक बैठक हुई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को अगले वर्ष मई में रूस में होने वाले विजय दिवस समारोह के लिए मोदी को आमंत्रित किया जिसे उन्होंने (मोदी) ने स्वीकार कर लिया।
विदित हो कि प्रधानमंत्री मोदी 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आए हुए हैं। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आतंकवाद निरोधक सहयोग के लिए तंत्र बनाना है। ब्रिक्स पांच देश -ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक अच्छी बैठक हुई। हमने अपनी बैठक के दौरान भारत-रूस संबंधों पर विस्तृत चर्चा की। भारत और रूस व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं। हमारे देश के लोगों को घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों से लाभ होगा।’’ यह मोदी की पुतिन के साथ इस साल चौथी मुलाकात थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों नेताओं ने सितंबर में व्लादिवोस्तोक बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुईप्रगति की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने इस पर संतोष जाहिर की कि साल 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार 25 अरब डॉलर तक करने का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया गया है। उन्होंने निर्णय किया कि क्षेत्रीय स्तर पर व्यापार के रास्ते में आनी वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अगले साल रूसी प्रांतों और भारतीय राज्यों के स्तर का पहला द्विपक्षीय क्षेत्रीय फोरम आयोजित किया जाएगा। मोदी और पुतिन ने यह भी कहा कि तेल और प्राकृतिक गैस के आयात में प्रगति हुई है। उन्होंने बुनियादी ढांचा खासतौर से नागपुर-सिकंदराबाद रेलवे लाइन की गति बढ़ाने के क्षेत्र में की गई प्रगति की भी समीक्षा की। दोनों नेताओं ने रक्षा और असैन्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी संतोष जताया।
उधर रूसी राष्ट्रपति ने प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में आर्कटिक क्षेत्र की संभावनाओं का उल्लेख किया और भारत को क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पुतिन ने बैठक में कहा, ‘‘यह हमारी इस वर्ष चौथी बैठक है। मैं प्रगाढ़ होते संबंधों को लेकर बहुत खुश हूं। हम प्रमुख द्विपक्षीय परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहे हैं और हमारा तकनीकी सहयोग मजबूत हो रहा है और सांस्कृतिक आदान प्रदान का विस्तार हो रहा है।’’