पटना के उलार सूर्यमंदिर पर छठ व्रतियों की उमड़ेगी भीड़

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द्वापरयुग में जहांं राजा शाम्ब को मिली थी कुष्ठ रोग से मुक्तियहां पूजा करने से निसंतान दंपतियोंं को संतान मिलने का है विश्वास  



बिहटा, 30 अक्टूबर (हि.स.)। पटना का उलार सूर्य मंदिर भारत के 12 प्राचीन प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में से एक है। भगवान भास्कर का यह प्राचीन सूर्य मंदिर दुल्हिन बाजार प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर दक्षिण पटना-औरंगाबाद मुख्य मार्ग के पास में स्थित है। कहा जाता है कि यहां द्वापर युग में श्रीकृष्ण के वंशज राजा शाम्ब को कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी।
देश में कोणार्क (उड़ीसा), देवार्क ( बिहार का देव) के साथ यह ओलार्क (अब उलार ) सबसे बड़े तीसरे सूर्य आर्क स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां प्रत्येक रविवार को काफी संख्या में श्रद्धालु स्नान कर सूर्य को जल व दूध अर्पित करते हैंं। चैत्र और कार्तिक में छठ पर यहां लाखों की भीड़ जुटती है। लोक मान्यताओं के अनुसार नि:संतान दंपति सच्चे मन से इनकी उपासना करते हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। पुत्र प्राप्ति के बाद मां के आंचल पर नटुआ व जाट-जटिन की नृत्य करवाने की भी परंपरा है। प्रचलित कथा के अनुसार द्वापर काल में राजा शाम्ब को क्रोधित होकर ऋषि गर्ग ने श्राप दे दिया था। भगवान श्री कृष्ण के प्रयास से नारदजी ने उन्हें उपाय बताया। राजा शाम्ब ने घोर तपस्या कर सूर्य को प्रसन्न किया। उन्होंने एक ही रात में देव शिल्पी विश्वकर्मा के सहयोग से देश के 12 स्थानों पर ओलार्क, लोलार्क, औंगार्क, देवार्क, कोर्णाक आदि सूर्य मंदिर बनवाए। वे एक माह तक तालाब में स्नान कर भगवान भास्कर की पूजा-आराधना की तब उन्हें कुष्ठ रोग से मुक्ति मिली थी। कहा जाता है कि मुगलकाल में इस मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया था।1950-54 में संत अलबेला बाबा ने जन सहयोग से इसका जीर्णोंद्धार कराया। यहा खुदाई में मिली काले पत्थर की पाषाणकालीन की कई खंडित मूर्तियां है। यह मंदिर मूर्तिकला, वास्तुकला एवं कल्पना का बेहतरीन नमूना है। छठ पूजा के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। महंत अवध बिहारी दास ने बताया कि के इस वर्ष पर भी छठ व्रतियों को पहुंचने की संभावना है। प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से यहांं साफ-सफाई की जा रही है। छठ पूजा के दौरान यहां आने वाली बड़ी संख्या में भीड़ को देखते हुये पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा और सुुुुुुुविधा की दृृृृृृृृृृष्टिकोण से अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इस वर्ष प्रशासन ने व्रतियों के ठहरने के लिये दो एकड़ में एक टेंट सिटी बनाया है, जहां व्रतियों को सभी बुुुुुुुुनियादी सुविधा उपलब्ध करायेगा।

 


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