तरबूज प्रेमी सावधान! बाजार में बिक रहे हो सकते हैं रासायनिक तरबूज

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बेंगलुरु, 5 मार्च । गर्मियों के शुरू होते ही तरबूज की मांग बढ़ जाती है। चूंकि तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह शरीर में निर्जलीकरण को रोकता है और शरीर को ठंडा भी रखता है। गर्मियों के मौसम ने दस्तक दे दी है तो तरबूज़ का बाज़ार भी काफी फलफूल रहा है। उपभोक्ता भी उत्साहित हैं और तरबूज खरीद कर खा रहे हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों को तरबूज खरीदने और खाने से पहले थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य के कई हिस्सों में रासायनिक तरबूज बाजार में आ गए हो सकते हैं। यदि रासायनिक तरबूज खाए जाएं तो सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

क्या होते हैं रासायनिक तरबूज

दरअसल तरबूज का साइज बढ़ाने या फिर उसके अंदर गूदे को चटक रंग और आकर्षक करने के लिए जो रासायनिक प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें रासायनिक तरबूज कहते हैं। इसके लिए या तो तरबूज के अंदर के भाग को लाल रंग देने के लिए इंजेक्शन लगाया जाता है। दूसरा तरीका यह है कि तरबूज को चटख लाल रंग देने के लिए अक्सर लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो और सूडान रेड जैसे रासायनिकों से पकाया जाता है। ऐसे तरबूज को खाने से फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उल्टी और दस्त जैसे रोग होने की भी आशंका भी रहती है। इससे पाचन क्रिया प्रभावित भी होती है। रासायनिक तरबूज खाने से आपको सही समय पर भूख नहीं लगेगी। इससे गैस्ट्रिक समस्याएं होती हैं। इसका गुर्दो पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही ऐसे तरबूज में प्रयुक्त लेड क्रोमेट के सेवन से व्यक्ति के शरीर में रक्त की कमी हो सकती है। मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति पहुंच सकती है और यहां तक ​​कि अंधापन भी हो सकता है। सूडान रेड रंग का तरबूज खाने से पाचन संबंधी समस्याएं और पेट खराब हो सकता है।

ऐसे पहचाने रासानयिक तरबूज को

बाजार से तरबूज खरीदने के बाद उसे कम से कम 2-3 दिन के लिए छोड़ दें। इन 2-4 दिनों के दौरान, यदि आपको तरबूज की सतह से कोई झाग या पानी निकलता हुआ दिखाई दे, तो इसका मतलब है कि इसमें रसायन का प्रयोग किया गया है। दूसरा तरीका यह है कि तरबूज़ का एक छोटा टुकड़ा काटकर पानी में मिलाएं। देखें कि पानी गुलाबी हो गया है या नहीं। यदि पानी का रंग गुलाबी हो जाए तो समझिए कि यह रासायनिक तरबूज है। एक तरीका यह भी है कि तरबूज के कटे हुए हिस्से को टिशू पेपर से दबा सकते हैं। यदि टिशू पेपर लाल हो जाए तो समझ लीजिए कि तरबूज में मिलावट है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा. मानसा मनकश्रु ने बताया कि रासायनिक पदार्थ लगाकर पकाए गए या फिर इंजेक्शन लगे तरबूज स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं।तरबूज को आकषर्क बनाने और उसका रंग चटख करने के लिए रासायनों का प्रयोग किया जाता है। खरीदने से पहले सावधानी जरूरी है।


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