बसंतोत्सव 2025: विकास और समृद्धि का उत्सव
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देहरादून, 03 मार्च। राजभवन में 07 से 09 मार्च तक तीन दिवसीय बसंतोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव में फूलों की रंग-बिरंगी दुनिया देखने का अवसर मिलेगा और इसे आम जनता व स्कूली बच्चों के लिए निशुल्क खोला जाएगा।
सोमवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 07 मार्च को सुबह 11 बजे उद्घाटन होगा और आमजन के लिए दोपहर 1 बजे से शाम 6 बजे तक प्रवेश रहेगा, जबकि 08 और 09 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यक्रम खुला रहेगा।
राज्यपाल ने बताया कि इस अवसर पर डाक टिकट प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। इस पूरे कार्यक्रम को पर्यावरण के लिहाज से पालथीन मुक्त रखने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष स्पेशल पोस्टर कवर के रूप में जटामासी का चयन किया गया है। कार्यक्रम के दौरान 15 प्रतियोगिता में 165 पुरस्कार 09 मार्च को प्रदान किया जाएगा। इस आयोजन में राज्य के लगभग 35 विभिन्न विभाग प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय उत्पाद के लिए यह महोत्सव बड़ा मंच है। विकास समृद्धि का अवसर है। उन्होंने बताया कि पिछले साल इस महोत्सव में 03 लाख विजिटर थे। इस बार उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे ज्यादा विजिटर आएंगे।
राज्यपाल ने बताया कि यह समय लोकल को ग्लोबल से मिलाने का समय है। पुष्प पर्यटन में उत्तराखंड एक अलग पहचान बना रहा है। देश-विदेश के प्रमुख बाजार में इसे कैसे पहुंचाए। इस पर काम करना है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी बसन्तोत्सव में वर्टिकल गार्डन एवं रूफ टॉप गार्डनिंग के माध्यम से नगरीय क्षेत्रों में औद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए पहल की गयी है, जिसमें कम स्थान पर विशेषकर घर की छत/बॉलकनी में पुष्पों एवं जैविक सब्जियों की खेती को प्रदर्शित किया जायेगा।
राज्यपाल ने बताया कि प्रथम व द्वितीय दिवस की सायं में एक घंटे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ख्याति प्राप्त कलाकारों में पवनदीप राजन, सुदेश वाडेकर की प्रस्तुति होगी। इस बार स्काउट एंड गाइड बैंड को भी आमंत्रित किया जाएगा।
बसन्तोत्सव-2025 के नवीन आकर्षण:
कट फ्लावर प्रतियोगिता के तहत गैर पारंपरिक क्षेत्रों में लिलम की एक अतिरिक्त उप श्रेणी बनाई जा रही है। पारंपरिक क्षेत्रों में कट फ्लावर प्रतियोगिता के आयोजन में जनपद उधमसिंहनगर, नैनीताल, हरिद्वार व देहरादून और गैरपारंपरिक क्षेत्रों में राज्य के 09 पर्वतीय जनपदों (अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत, टिहरी, पौडी, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी) के पुष्प उत्पादकों व पुष्प उत्पादकों / कृषक शामिल होंगे। इस वर्ष प्रथमवार कट फ्लावर कंपटीशन के अन्तर्गत महिला पुष्प उत्पादकों के लिए पृथक से उप श्रेणी के अन्तर्गत प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस वर्ष वेजिटेबल अंडर रूफटॉप बागवानी के स्थान पर वेजिटेबल्स श्रेणी के अंतर्गत गमलों में सामान्य रूप से उत्पादित सब्जियाँ, पत्तेदार सब्जियाँ एवं विदेशी सब्जियाँ उत्पादन करने वाले समस्त इच्छुक प्रतिभागियों को प्रतिभाग करने का अवसर प्रदान किया जायेगा।
उत्तराखंड राज्य के गठन से पूर्व प्रदेश में मात्र 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पुष्प उत्पादन होता था, जो वर्तमान में बढ़कर 644 हेक्टेयर हो गया है, जिसमें गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा के अतिरिक्त कटफ्लावर के रूप में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, लीलियम, गुलदाउदी आदि पुष्पों का प्रमुखता से व्यावसायिक उत्पादन किया जा रहा है। संरक्षित खेती के अन्तर्गत पॉलीहाउस में नवीनतम तकनीकियों का समावेश करते हुए फूलों की खेती की जा रही है। वर्तमान में लगभग 2259.94 मै.टन लूज पलावर (गुलाब, गेंदा, रजनीगंधा एवं अन्य) और 3.75 करोड़ स्पाइक / कटफ्लावर (जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलाई, लिलियम) का उत्पादन हो रहा है।
बता दें कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से प्रतिवर्ष राजभवन, देहरादून के गरिमामय परिसर में दो दिवसीय बसन्तोत्सव का आयोजन वर्ष 2003 से आरम्भ किया गया, जो प्रतिवर्ष बसन्त ऋतु में आयोजित किया जाता है।