पहली कैबिनेट बैठक में पास होगा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव : उमर
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि एनसी-कांग्रेस सरकार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर में सरकार सुचारू रूप से चलेगी। सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस गुरुवार को विधायक दल की बैठक बुलाएगी।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे और दिल्ली में एक अंतर है। दिल्ली कभी पूर्ण राज्य नहीं था और किसी ने दिल्ली को राज्य का दर्जा देने का वादा भी नहीं किया था। इसके विपरीत जम्मू-कश्मीर 2019 से पहले एक राज्य था, जिसे अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था। यह भी कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में तीन कदम उठाए जाएंगे जिसमें परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा शामिल था। उन्होंने कहा कि परिसीमन हो चुका है, अब चुनाव भी हो चुके हैं, इसलिए केवल राज्य का दर्जा बचा है, जिसे बहाल किया जाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस गुरुवार को विधायक दल की बैठक बुलाएगी। उसके बाद गठबंधन सहयोगियों की बैठक होगी, जिसमें गठबंधन नेता का चुनाव किया जाएगा और फिर हम सरकार गठन का दावा पेश करने के लिए राजभवन जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में नई सरकार बन जाएगी।
इस सवाल पर कि क्या पीडीपी गठबंधन सरकार का हिस्सा होगी, एनसी नेता ने कहा कि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पीडीपी ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया है। हमने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। इस चुनाव के नतीजों को देखते हुए मुझे लगता है कि उनके लिए काफी झटका है , मुझे लगता है कि इस समय कुछ आंतरिक चर्चा चल रही होगी। उन्होंने कहा कि कभी-कभी अगर संचार का कोई रास्ता खुलता है तो हम बैठकर उनसे बात करेंगे लेकिन फिलहाल यह हमारे लिए प्राथमिकता नहीं है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 2018 से जम्मू-कश्मीर के लोगों की बात अनसुनी रही है। अब समय आ गया है कि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए काम करें। मैं इस तथ्य से भी अच्छी तरह वाकिफ हूं कि कश्मीर और जम्मू के बीच एक तीव्र विभाजन है और इसलिए आने वाली सरकार पर जम्मू के लोगों को स्वामित्व की भावना देने की एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के हर एक व्यक्ति की सरकार होगी, चाहे उन्होंने किसी को वोट दिया हो ।