हिमाचल में नेमप्लेट वाले फरमान पर कांग्रेस में घमासान

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हिमाचल

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का फरमान क्या जारी किया, कांग्रेस पार्टी में ही घमासान मच गया. हालात यहां तक पहुंच गए कि पार्टी आलाकमान को बाकायदा अपने मंत्री को तलब कर फटकार लगानी पड़ी. एक दिन पहले ही सुक्खु सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आदेश जारी कर वेंडर्स, होटल मालिकों, ढाबा वालों को अपना नाम और पहचान लिखना अनिवार्य कर दिया. उन्होने इसके लिए स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान पत्र जारी किए जाने की भी घोषणा की और अधिकारियों को इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए. 

जैसे ही मीडिया में उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल को हिमाचल प्रदेश में लागू करने की खबर चलनी शुरू हुई, कांग्रेस आलाकमान भड़क उठा. इसके लिए विक्रमादित्य को फटकार भी लगाई गई जिसके बाद उन्हे अपने सोशल मीडिया पोस्ट को एडिट करना पड़ा. इस पोस्ट में विक्रमादित्य सिंह ने योगी की फोटो वाली तस्वीर को हटा दिया और एक न्यूज एजेंसी को दिए हुए अपने बयान को तस्वीर से रिप्लेश कर दिया.. 

दरअसल फैसला आने साथ ही कांग्रेस के कई अल्पसंख्यक नेताओं ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी उनकी सुर में सुर मिलाने लगे. 

उधर दूसरी पार्टियों के कुछ अल्पसंख्यक नेता भी इसे हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश करने लगे. माना जा रहा है कि इससे भी कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बढ़ गया. 

बाद में पार्टी के हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने मामले को ठंढ़ा करने की कोशिश की. उन्होने कहा कि ये एक सुधारात्मक कार्रवाई है. इसे यूपी के तर्ज पर नहीं किया गया है.

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी बाद में सफाई देते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ और यूपी से इस ऑर्डर का कोई लेना-देना नहीं है.उन्होने कहा कि हिमाचल में शांति बनाना हमारी जिम्मेदारी है. यहां बाहर के राज्यों से आए लोगों का स्वागत है लेकिन प्रदेश की आंतिरक सुरक्षा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. हाइजिन को सही रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है.

पूर् प्रकरण में खास बात ये रही कि अपनी ही पार्टी के भीतर विरोध झेलने वाले विक्रमादित्य सिंह को विरोधी बीजेपी से भरपूर समर्थन मिल रहा है. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहल का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल में हर गली में ऐसे कई लोग आ गए हैं, जिन्हें कोई पहचानता तक नहीं है. वो लोग अपनी पहचान क्यों छिपाते हैं


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