जुलाई 2023 तक सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं : यूजीसी

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नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (हि.स.)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कोविड के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के विभागों में सहायक प्रोफेसरों के पद पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी उपाधि की अनिवार्यता की तिथि दो साल के लिए बढ़ा दी है। इससे जुलाई 2023 तक सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए पीएचडी अनिवार्य नहीं होगी।

आयोग ने मंगलवार को कहा कि उसने विश्वविद्यालयों के विभागों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी उपाधि की अनिवार्य अर्हता की तिथि एक जुलाई 2021 से बढ़ाकर 01 जुलाई 2023 कर दी है। यूजीसी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, अब एक जुलाई 2023 से किसी भी विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पर पर सीधी भर्ती के लिए पीएचडी उपाधि अनिवार्य अर्हता होगी।

आयोग के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने कहा कि इससे पूर्व कहा गया था कि यूजीसी (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्चतर शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए अन्य उपाय संबंधी) विनियम 2018 निर्धारित करता है कि 01 जुलाई 2021 से विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए डिग्री अनिवार्य योग्यता होगी।

उन्होंने कहा कि यूजीसी ने कोविड के मद्देनजर सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की अनिवार्यता की तिथि को 01 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 01 जुलाई 2023 करने का निर्णय लिया है। तदनुसार उपरोक्त नियमों में संशोधन 11 अक्टूबर को राजपत्र में अधिसूचित किया गया है।


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