पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में दीप प्रज्ज्वलन एवं “नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जीवन आदर्श” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन
नई दिल्ली, 23 जनवरी :नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयंती एवं पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 23 जनवरी 2021 को दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़, पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्री आर. के. मीना तथा दि.प.ला. के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा दि.प.ला. सभागार में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धांजलि देते हुए दीप प्रज्ज्वलन कर नेताजी को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए एवं राष्ट्र गान गायन किया गया। तत्पश्चात “नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जीवन आदर्श” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ के सानिध्य तथा दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के सदस्य प्रो. राम अवतार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज से प्राध्यापक डॉ. अमरेन्द्र पाण्डेय व काव्य पाठ हेतु कवि एवं लेखक श्री अरविंद पथिक उपस्थित रहे। दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री महेश चंद्र शर्मा एवं श्री नत्थी सिंह बघेल,वरिष्ठ कवि विशेष रूप से कार्यक्रम में उपस्थित रहे। श्रीमती कीर्ति दीक्षित द्वारा सरस्वती वंदना से वेबिनार का शुभारम्भ किया गया।
श्री अरविंद पथिक द्वारा नेताजी जी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन आदर्शों को बड़े ही रुचिकर एवं प्रभावशाली काव्य में पिरोकर श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने अपने काव्य पाठ द्वारा नेताजी के प्रेरणामय जीवन एवं उनके अतुल्य गुणों का बखान कर श्रोताओं को उनके पथ पर चलने एवं उनके आदर्श जीवन मूल्यों को अपनाने की प्रार्थना की।
डॉ. अमरेन्द्र पाण्डेय ने श्रोताओं को बताया कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस इतिहास की वह शख़्सियत हैं जिनके जीवन आदर्श प्रत्येक भारतवासी हेतु प्रेरणा स्रोत हैं। नेताजी स्वाधीनता संग्राम के ऐसे अग्रदूत थे जिनकी देशप्रेम, स्वाभिमान और साहस की भावना उन्हें सबका प्रिय बनाती है। उन्होंने अपना सर्वस्व देश की आज़ादी के लिए दाव पर लगा दिया। उनका “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” का नारा आज भी हर नौजवान की ज़ुबान पर है और सभी में देशप्रेम की भावना का संचार करता है। डॉ. अमरेन्द्र पाण्डेय ने नेताजी के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रेरणामय तथ्य श्रोताओं से साझा किये। उन्होंने बताया कि नेताजी के लिए स्वाधीनता जीवन मरण का प्रश्न था। नेताजी ने पूर्ण स्वाधीनता को युवाओं के लिए संकल्पित माना तथा युवाओं से देश को मज़बूत बनाने हेतु संयम व आत्म नियंत्रण के साथ कार्य करने का आग्रह किया। उनके इसी भाव को आज के युवाओं को भी अपने व्यक्तित्व में सम्मिलित कर राष्ट्र हितकारी कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।
श्री नत्थी सिंह बघेल ने अपने काव्य पाठ द्वारा नेताजी के बलिदान, देशप्रेम, साहस एवं स्वाभिमान भरे यशस्वी जीवन की प्रेरणा गाथा को श्रोताओं के सम्मुख प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रो. राम अवतार शर्मा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में नेताजी के जीवन परिदृश्य, आदर्श, स्वाभिमान, देशप्रेम से ओतप्रोत व्यक्तित्व पर विस्तार में चर्चा की। उन्होंने विभिन्न घटनाओं का वर्णन करते हुए नेताजी द्वारा देश की स्वतंत्रता हेतु दिए गए महत्वपूर्ण योगदान एवं बलिदान से भी श्रोताओं को रूबरू करवाया।
डॉ. रामशरण गौड़ ने सभी वक्ताओं को नेताजी के आदर्श जीवन पर बहुमूल्य वक्तव्य द्वारा श्रोताओं का ज्ञानवर्धन करने तथा उन्हें प्रेरित करने हेतु साधुवाद दिया। उन्होंने सभी श्रोताओं से नेताजी के बलिदानों से प्राप्त इस स्वतंत्रता का सम्मान कर देश के कल्याण एवं उत्थान हेतु क्रियाशील बनाने का निवेदन किया। उन्होंने नेताजी द्वारा आज़ाद हिन्द फौज़ के गठन पर प्रकाश डाला तथा उनके जीवन दर्शन पर भी संक्षेप में चर्चा की।
अंत में दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्री आर. के. मीना द्वारा धन्यवाद ज्ञापन तत्पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।