प्रबंधन में ईमानदारी, नवाचार और सबकी भागीदारी को मिले प्राथमिकता: पीएम
नई दिल्ली, 02 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), संबलपुर के स्थायी परिसर की आधारशिला रखते हुए कहा कि प्रबंधन में ईमानदारी, नवाचार और समावेश अवधारणाओं की मदद से एक आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज मानव प्रबंधन के साथ-साथ तकनीकी प्रबंधन भी जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रबंधन कौशल की बदलती अवधारणा का उल्लेख करते हुए कहा कि ईमानदारी, नवाचार और समावेश अब प्रबंधन के क्षेत्र में नए मंत्र के रूप में उभरे हैं, जो देश के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी के कारण विभिन्न क्षेत्रों के बीच कम होती दूरी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में तेजी से सुधार किए हैं ताकि दुनिया भर में बदलाव हो सकें। उन्होंने कहा कि देश कोविड-19 संकट के वाबजूद पहले की तुलना में अधिक सक्षम हुआ है। मोदी ने युवा पीढ़ी से समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए विकास के दौर में पिछड़ने वालों को भी साथ लेकर चलने की सीख थी। मोदी ने कहा कि नए प्रबंधन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी की मदद से स्थानीय उत्पादों की वैश्विक पहुंच होगी।
विकास के दौर में पीछे छूटे समावेश को साथ लेकर चलने की सीख
प्रधानमंत्री ने कहा, आज आईआईएम कैंपस के शिलान्यास के साथ ही ओड़िशा के युवा सामर्थ्य को मजबूती देने वाली एक नई शिला भी रखी गई है। आईआईएम का ये स्थायी कैंपस ओड़िशा के महान संस्कृति और संसाधनों की पहचान के साथ ओड़िशा को मैंनेजमेंट जगत में नई पहचान देने वाला है। उन्होंने कहा कि इस साल भारत ने कोविड संकट के बावजूद पिछले सालों की तुलना में ज्यादा यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का स्टार्टअप) दिए हैं।
6 वर्षों में 14 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि कहीं से भी काम करने के परिकल्पना से पूरी दुनिया ग्लोबल विलेज से ग्लोबल वर्कप्लेस में बदल गई है। भारत ने भी इसके लिए हर जरूरी बदलाव बीते कुछ महीनों में तेजी से किये हैं। उन्होंने कहा कि जितना आप देश की चुनौतियों और आवश्यकताओं को समझेंगे, उतने ही उत्कृष्ट प्रबंधक बन सकेंगे। पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश में 60 सालों में गैस कवरेज मात्र 55 प्रतिशत था। उस समय घर में गैस कनेक्शन होना अमीरी का प्रतीक होता था। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में स्थायी समाधान देने की नीयत का नतीजा है कि आज देश में 28 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन हैं। 2014 से पहले देश में 14 करोड़ गैस कनेक्शन थे। हमने 6 वर्षों में 14 करोड़ से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए हैं।
2014 तक थे 13 आईआईएम, अब हुए 20
देश के नए क्षेत्रों में नए अनुभव लेकर निकल रहे मैंनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। साल 2014 तक देश में 13 आईआईएम थे जो अब 20 हो गये हैं। आज अवसर ज्यादा है तो चुनौतियां भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जब आपमें से अनेक साथी संबलपुरी टेक्सटाइल और कटक की फिलिगिरी कारीगरी को ग्लोबल पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए काम करेंगे, तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओड़िशा के विकास को भी नई गति मिलेगी।
लोकल को ग्लोबल बनाने का लक्ष्य
मोदी ने कहा आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओडिशा के विकास को गति देने के लिए लोकल को ग्लोबल बनाने के लिए आप सभी साथियों को नए इनोवेटिव समाधान तलाशने होंगे। उन्होंने कहा कि जब आपमें से अनेक साथी संबलपुरी टेक्सटाइल और कटक की फिलिगिरी कारीगरी को ग्लोबल पहचान दिलाने में अपने कौशल का इस्तेमाल करेंगे, यहां के टूरिज्म को बढ़ाने के लिए काम करेंगे तो आत्मनिर्भर भारत अभियान के साथ ही ओड़िशा के विकास को भी नई गति मिलेगी।
मोदी ने कहा कि देश के नए क्षेत्रों में नए अनुभव लेकर निकल रहे मैंनेजमेंट एक्सपर्ट भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। बीते दशकों में एक ट्रेंड देश ने देखा, बाहर बने मल्टी नेशनल बड़ी संख्या में आए और इसी धरती में आगे भी बढ़े। ये दशक और ये सदी भारत में नए-नए मल्टीनेशसल्स के निर्माण का है।