एल्गार परिषद मामले के 9 आरोपित एनआईए कोर्ट के समक्ष पेश

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अदालत अब इस मामले की सुनवाई 13 मार्च को करेगी 



मुंबई, 28 फरवरी (हि.स.)। एल्गार परिषद और माओवादी संगठनों से संबंध होने के मामले में गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों को विशेष अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया। एनआईए ने इस मामले की जांच करने के कुछ दिनों बाद विशेष अदालत में सभी को पेश किया। गिरफ्तार किए गए अधिकांश आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं।
वर्ष 2017 के इस मामले की जांच पुणे पुलिस ने की थी। इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार के निर्देश पर इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया गया था। अदालत अब इस मामले की सुनवाई 13 मार्च को करेगी। पिछले सप्ताह इस मामले की सुनवाई कर रही पुणे की अदालत के समक्ष केंद्रीय एजेंसी की ओर से 14 फरवरी को एक याचिका दाखिल करते हुए यह मामला मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश पारित किया। पुणे की अदालत ने निर्देश दिया था कि आरोपियों को 28 फरवरी को या उससे पहले मुंबई में एनआईए अदालत में पेश किया जाए। इस आदेशानुसार, सभी आऱोपियों को विशेष एनआईए न्यायाधीश डी. ई. कोथलीकर के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने मामले की सुनवाई 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी है।
उल्लेखनीय है  कि बुधवार को ही एल्गार मामले के आरोपी सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत, रोना विल्सन, सुधीर ढवले, वरवारा राव, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज, शोमा सेन और वर्नोन गोंसाल्वेस को पुणे की येरवदा सेंट्रल जेल से मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था। यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे के शनिवारवाड़ा में आयोजित ‘एल्गार परिषद’ सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। पुणे पुलिस ने दावा किया था कि इस सम्मेलन के अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी। पुणे पुलिस ने यह भी दावा किया कि यह सम्मेलन माओवादियों द्वारा समर्थित था।

 


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