शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण अध्यादेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार

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नई दिल्ली, 25 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों और शिक्षक कैडर में आरक्षण संबंधी हालिया अध्यादेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट की वकील प्रिया शर्मा और पृथ्वीराज चौहान ने जनहित याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि यह ऑर्डिनेंस अल्ट्रावायरस है जो कि मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अध्यादेश के अमल पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षकों को डिपार्टमेंट वाइस आरक्षण देने का फैसला किया था। केन्द्र सरकार के अध्यादेश के बाद अब डिपार्टमेंट एक ईकाई नहीं होगी बल्कि आरक्षण देने की ईकाई यूनिवर्सिटी होगी। याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है।

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालयों में नियुक्ति में आरक्षण के लिए यूनिवर्सिटी के बदले डिपार्टमेंट को रिक्तियों को आधार मानने का फैसला दिया था। केंद्र सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही माना।


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