यासीन मलिक के संगठन जेकेएलएफ पर केन्द्र सरकार ने लगाया प्रतिबंध

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नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट(जेकेएलएफ) पर गैरकानूनी गतिविधि(निरोधक) अधिनियम के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। केन्द्र सरकार के अनुसार यह संगठन राज्य में पृथकतावादी और आतंकी गतिविधियों में शामिल है।
यासीन मलिक इस समय जम्मू की कोट भलवाल जेल में कैद है। इससे पहले मार्च में ही केन्द्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी संगठन पर प्रतिबंध लगाया था। शुक्रवार शाम केन्द्र की सुरक्षा मामलों की समिति ने बैठक की थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
गृह सचिव राजीव गौबा ने कहा कि जेकेएलएफ कानूनी रूप से स्थापित देश की सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध छेड़ने और आतंकी गतिविधियों को वित्तीय सहायता करने जैसी गंभीर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल था। संगठन पर कुछ हत्याओं के मामलों की भी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि जेकेएलएफ कश्मीर घाटी से 1989 और उसके बाद कश्मीरी पंडितों के पलायन का मास्टरमाइंड था। इस संगठन ने कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हिंसा और नरसंहार जैसी कार्रवाई की है।

कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री रूबैया सईद के अपहरण और वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या में भी इस संगठन का हाथ था। जेकेएलएफ और उसके मुखिया यासीन मलिक के खिलाफ गंभीर 37 मामलों में प्राथमिकी दर्ज है। यह संगठन देश की एकता और अखंडता के खिलाफ षड्यंत्र करने और समुदायों के बीच वैमनस्यता पैदा करने की गतिविधियों में लिप्त है। इसी आधार पर उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जम्मू कश्मीर के कुछ नेताओं की सुरक्षा का जायजा लिया गया है और उसे हटाया गया है।


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