कांग्रेस की नजर में सरकारी तंत्र लगाने पर भी संकल्प रैली विफल

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पटना,03मार्च(हि.स.)। बिहार कांग्रेस की नजर में राजग की संकल्प रैली पूरी तरह विफल रही । पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. मदन मोहन झा और विधान मंडल दल के नेता सदानन्द सिंह ने रविवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकारी तंत्र को पूरी तरह लगाने पर भी संकल्प रैली में जुटी भीड़ से ज्यादा लोग कांग्रेस की 3 फरवरी को जन आकांक्षा रैली में राहुल गांधी को सुनने आये थे। उन्होंने कहा कि संकल्प रैली में मंच के आसपास को छोड़ गांधी मैदान खाली दिख रहा था।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि रैली में प्रधानमंत्री के संबोधन से लोगों को निराशा ही हाथ लगी। कोई नई बात नहीं कही सिवाय पानी पी -पी कर कांग्रेस को गाली देने के। हां लोगों को एक नया जुमला फिर सुनने को मिला-पढ़ाई,कमाई,दवाई, सिंचाई और जन जन की सुनवाई। सैनिकों के नाम पर ओछी राजनीति करना एक प्रधानमंत्री को कहीं शोभा नहीं देता । सबसे पहले कांग्रेस ने सरकार और सैनिकों को समर्थन देने का खुला एलान किया। रही बात सैनिकों के सम्मान की और सुरक्षा की, तो कांग्रेस ने इसे बाखूबी निभाया है और पाकिस्तान को 1971 में दो भागों में बांटकर दिखाया है। 1965 के भी युद्ध में लाहौर तक भारतीय सेना पहुंच गयी थी लेकिन इनकी चर्चा करना प्रधानमंत्री ने लाजिमी नहीं समझा। उन्हें तो अपनी पीठ थपथपनी है। वह यह भी भूल गये कि बंगलादेश के युद्ध में 91 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था जो पूरे विश्व में एक कीर्तिमान है। लेकिन कांग्रेस ने सेना के नाम पर कभी राजनीति नहीं की है और न करेगी।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने फिर से एकबार पटना में मेट्रो की चर्चा की जो एक पुरानी बात है। पटना जंक्शन का सौन्दर्यीकरण भी कोई नया काम नहीं है। 2 अक्टूबर 2019 तक पूरे बिहार को शौच मुक्त करने की घोषणा को पुनः दुहराया गया । परंतु लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि शौचालय निर्माण कम और शौचालय घोटाला अधिक हुआ है। पत्रकार सम्मेलन में विधायक पूनम पासवान, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी एचके वर्मा, प्रवक्ता राजेश राठौड़ और घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष आनन्द माधव उपस्थित थे।


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