अमेरिकी कांग्रेस में बंदूक क्रेता का बैकग्राउंड चेक जरूरी करने संबंधी विधेयक पारित

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वॉशिंगटन, 28 फरवरी (हि.स.)। अमेरिकी कांग्रेस में डेमोक्रेट बहुल प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को बंदूक नियंत्रण विधेयक में बंदूक की खरीद-फरोख्त के लिए क्रेता के पिछले रिकॉर्ड की छानबीन को अनिवार्य घोषित किए जाने का प्रावधान किया है। पिछले दो दशक में बंदूक नियंत्रण मामलों में यह पहला ऐसा मौका है, जिसे प्रतिनिधि सभा से मंजूरी मिली है।
प्रतिनिधि सभा ने इस प्रस्ताव को 190 के मुकाबले 240 मतों से पारित कर दिया गया। इस प्रस्ताव पर अब सीनेट में चर्चा होगी। उधर वाइट हाउस की ओर से कहा गया है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस पर वीटो का इस्तेमाल कर सकते हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से इस प्रस्ताव को अमेरिकी संविधान के दूसरे संशोधन के विरुद्ध बताया जा रहा है, जिसमें लोगों को निर्बाध रूप से हथियार रखने की आजादी है।
रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं का कहना है कि इस प्रस्ताव में ऐसी कई खामियां हैं, जिसमें हाल में हुई गोलीबारी से निजात पाने की कोई उपयोगिता नहीं है। पिछले साल फ्लोरिडा स्थित पार्कलैंड के एक स्कूल में 17 लोग मारे गए थे। इस प्रस्ताव में निजी तौर पर बंदूक की खरीद-फरोख्त किए जाने वालों पर कोई पाबंदी का प्रस्ताव नहीं है।
प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा है कि प्रस्ताव में इसका उल्लेख है कि जो भी व्यक्ति बंदूक खरीदना चाहता है, उसके बारे में इतनी जानकारियां एकत्र करना जरूरी होगा कि वह अपने लिए अथवा समाज के लिए हिंसा का सबब तो नहीं बन रहा है।
इस प्रस्ताव में रिपब्लिकन ने एक प्रावधान जोड़े जाने का उपक्रम किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी अवैध आव्रजक हथियार खरीदता है, तो उसके बारे में आव्रजक और सीमा शुल्क विभाग को तुरंत जानकारी मिल जाएगी। इस बारे में गुरुवार को एक अन्य विधेयक में इस बात का प्रावधान किए जाने की संभावना है कि जब भी कोई बंदूक खरीदता है, तो एफबीआई को तीन से दस दिन में क्रेता के बारे में पूरी जांच करने का मौका मिल जाएगा।


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