पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ीं, चीन ने भी नहीं दिया मदद का भरोसा

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 लॉस एंजेल्स 27 फ़रवरी (हि.स.) । पाकिस्तान को आतंकवाद की ज़मीं पर मार खाने के बाद अब कूटनीति के क्षेत्र में भी मुंह की खानी पड़ रही है। खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में आतंकी संगठन ‘जैश ए मुहम्मद’ के ठिकानों से हाथ धो बैठने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह मुहम्मद कुरेशी को संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों से मदद का कोई आश्वासन नहीं मिल पा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके विदेश मंत्री इन दिनों बुधवार एवं गुरुवार को उत्तरी कोरियाई शासक किम ज़ोंग उन से शिखर वार्ता के सिलसिले में हनोई (वियतनाम) में हैं। शाह मुहम्मद कुरेशी ने मंगलवार को हनोई में विदेश मंत्री माइक पोंपियो से फ़ोन पर बातचीत के दौरान भारत की ओर से की गई कार्रवाई की चर्चा की। उन्हें अफ़ग़ानिस्तान में शांति प्रक्रिया में पाकिस्तानी योगदान का वास्ता दिलाया। क्षेत्र में शांति और स्थायित्व को ख़तरा बताया। लेकिन पोंपियो ने कुरेशी की बात अनसुनी कर दी। इस पर कुरेशी ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंटोनियो गुतेरस से बातचीत की। उन्होंने बात सुनी। उन्होंने पाकिस्तान और भारत को अधिकतम संयम बरतने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि पिछले ही सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जान बोलटन ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से बातचीत में कहा था कि प्रत्येक देश को आतंकवाद के मसले पर अपने देश की सुरक्षा का अधिकार है। आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में अमेरिका और भारत के साझे हित हैं। इधर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज बुधवार को रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की बातचीत में भाग लेने चीन पहुंच चुकी हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी सीधे कोई आश्वासन देने की बजाए भारत सहित पाकिस्तान को संयम बरतने की अपील की है। उम्मीद की जा रही है कि मेज़बान चीन, रूस और भारत के बीच इस मामले को लेकर सुषमा स्वराज ‘जैश ए मुहम्मद’ को संयुक्त राष्ट्र संघ की आतंक विरोधी कमेटी के प्रस्ताव 1267 के अंतर्गत इस ख़ूंख़ार आतंकी संगठन पर पाबंदी लगाने का मुद्दा फिर उठाएंगी।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने बालकोट में ‘जैश ए मुहम्मद’ के ठिकानों को नष्ट किए जाने के चंद घंटों बाद अपने सरपरस्त चीनी विदेश मंत्री वांग यी से टेलीफ़ोन पर बातचीत करते हुए अपना रोना रोया। बताया जाता है कि चीनी विदेश मंत्री वांग ने कुरेशी की बातचीत ध्यान से सुनी, लेकिन उन्होंने भी कोई आश्वासन नहीं दिया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि चीन ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने भारत से विशेष रूप से कहा है कि वह अन्तरराष्ट्रीय सहयोग से आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई जारी रखे।
चीन और अमेरिका से सहयोग का कोई मार्ग नहीं मिलने के बाद कुरेशी ने सऊदी अरब के शहजादे मुहम्मद बिन सलमान और संयुक्त अरब अमीरात के अमीर से बातचीत में आग्रह किया कि एक और दो मार्च को अबू धाबी में आर्गनाइज़ेशन ऑफ इस्लामिक कुआपरेशन के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को नहीं बुलाए जाने का आग्रह किया है।


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