मोदी ने बदल दी श्रद्धांजलि की परिभाषा, शहीदों के त्रयोदश से पहले ले लिया बदला

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(1965 युद्ध नायक सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद व 1971 युद्ध नायक सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान महावीर चक्र विजेता रामउग्रह पांडेय के परिजनों से खास बातचीत)
गाजीपुर, 26 फरवरी (हि.स.)। भारतीय वायु सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर स्थित जैश-ए-मोहम्मद सहित तमाम आतंकवादी कैंपों पर सोमवार की देर रात मिराज विमान द्वारा किए गए हमले से जनपद निवासी सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद वीर अब्दुल हमीद के साथ ही सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान महावीर चक्र विजेता शहीद रामउग्रह पांडेय के परिजनों सहित समूचे क्षेत्र जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई।
लोगों ने भारतीय सेना के इस कार्रवाई को एक बड़ा आयाम बताते हुए कहा कि हमारे वीर शहीदों कि तेरहवीं से पूर्व सेना द्वारा उनके शहादत का बदला लेने का कार्य किया गया। शहीद परिवार के लिए सबसे बड़ी खुशी की बात होगी इसके साथ ही दुश्मनों को यह संदेश देने का कार्य किया गया कि “यह नया भारत है। छेड़ोगे तो छोड़ेगा नहीं, घुस के मारेगा”।
1965 भारत पाक युद्ध मे अदम्य साहस व वीरता का प्रदर्शन करते हुए वीर गति को प्राप्त परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी व उनके पुत्र जमील आलम 25 फरवरी को दिल्ली में वार मेमोरियल लोकार्पण समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। मंगलवार की सुबह कार्यवाही सैन्य कार्रवाई की जानकारी होने पर शहीद वीर अब्दुल हमीद की धर्मपत्नी रसूलन बीबी ने दूरभाष पर उन्होंने बताया कि भारतीय सेना द्वारा एलओसी में घुसकर आतंकवादी कैम्पों पर बड़ी कार्रवाई से शहीद परिवार बेहद खुश है, आज का दिन शहीदों के लिए सबसे बड़ा दिन है। भारतीय सेना ने श्रधांजलि की परिभाषा बदल दी। अब श्रधांजलि या शोक सभा से नहीं बल्कि कार्यवाही द्वारा दी गई है।
वहीं, उनके पौत्र जमील आलम ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में यदि पाकिस्तान भी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो हम उसे अपना मित्र बनाएंगे अन्यथा पाकिस्तान भी हमारे लिए आतंकवादी जैसा ही है। पाकिस्तान को तय करना है उसे आतंकवादियों के साथ रहना है या भारत के साथ रहना है। उन्होंने इस कार्यवाही के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि आजाद भारत के इतिहास में एक मजबूत प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी मिले हैं जिन्होंने देशवासियों को यह विश्वास दिलाने का कार्य किया है देश के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
1971 भारत पाक युद्ध वीरगति को प्राप्त सेना के दूसरे सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित महावीर चक्र विजेता शहीद रामउग्रह पांडेय की पुत्री सुनीता पांडेय ने कहा शहीद सैनिकों के साथ ही पूरे देश के लिए गर्व की बात है, हमारी देश की सेना ने दुश्मन के घर में घुसकर उसके ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का कार्य किया है। जिससे हमारे शहीदों की आत्मा को शांति मिलेगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध हमारी लड़ाई यहीं रुकनी नहीं चाहिए, हमारे शहीदों के एक एक बूंद खून का बदला पाकिस्तान जैसे आतंकवादी परस्त देशों से लिया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही सबसे पहले हमें पाक अधिकृत कश्मीर अपने कब्जे में लेना चाहिए, जिससे हमारा भारत हमारा कश्मीर अपने पूर्ण स्वरूप में आ सके।
भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की सूचना प्राप्त होते ही गाजीपुर जनपद के जखनिया क्षेत्र स्थित शहीद अब्दुल हमीद व शहीद रामउग्रह पांडेय के पैतृक गांव सहित जखनियां तहसील में युवाओं द्वारा जुलूस निकालकर भारत माता की जय करते हुए शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित कर सेना की कार्रवाई का स्वागत किया गया। इस दौरान दोनों शहीदों के पैतृक गांव पर लगी उनकी मूर्तियों पर माल्यार्पण किया गया।


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