मंत्रियों के विवादित बयान से परेशान कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा पर लगाई रोक

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भोपाल, 31 जनवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों द्वारा लगातार विवादित टिप्पणीयों से परेशान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अनर्गल बयानबाजी पर लगाम लगाने के लिए मंत्रियों के मीडिया से चर्चा पर रोक लगा दी है। किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए सीएम कमलनाथ ने जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा समेत केवल सात मंत्रियों को मीडिया से रूबरू होने के लिए अधिकृत किया है। इनके अलावा किसी अन्य मंत्री को मीडिया से बात करने की इजाजत नहीं होगी। वहीं इस पूरे मामले में भाजपा ने सवाल उठाते हुए रोक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है।
इस संबंध में सरकार की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के संबंध में जानकारी देते हुए हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि प्रेस से चर्चा के लिए उनके अलावा छह अन्य मंत्रियों को अधिकृत किया गया है। जिसमें संस्कृति एचं चिकित्सा शिक्षा मंत्री लक्ष्मी साधौ, गृह मंत्री बाला बच्चन, उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे, नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह और वित्त मंत्री तरूण भनोट को अधिकृत किया गया है। सूत्रों की मानें तो रोक लगाए जाने पर मंत्रियों को आपत्ति है, लेकिन कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। वहीं भाजपा का इस पूरे मामले पर कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है, मंत्रियों को जनता के बीच अपने विचार रखने का पूरा अधिकार है।
बताते चलें कि सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस के मंत्री विवादित बयान देकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा रहे थे। बीते दिनों कृषि मंत्री सचिन यादव द्वारा भावांतर योजना बंद किए जाने संबंधी बयान, पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा द्वारा भाजपा सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी पर विवादित टिप्पणी करने और महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवी द्वारा मंत्रालय में फाइलें देखकर नींद आने जैसे बयानों से सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। जिसका फायदा उठाते हुए विपक्ष सडक़ों पर उतर आई थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सरकार किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है।


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