सामाजिक संगठन ने केंद्र सरकार पूरे भारत में शराबबंदी को लेकर जंतर-मंतर से उठाई आवाज

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नई दिल्ली, 30 जनवरी (हि.स.)। प्राउटिष्ट ब्लाक इंडिया (पीबीआई) और राष्ट्रीय शराबबंदी संयुक्त मोर्चा (राशसंमों) के अलावा तमाम सामाजिक संगठनों के बैनर तले देश भर से आए सैंकड़ों सदस्यों ने पूरे देश में शराब बंदी की मांग को लेकर बुधवार को जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया।
इस आयोजन में दिल्ली, हरियाण, यूपी, महाराष्ट्र और उत्तराखंड आए सदस्यों ने एक ही सुर में केंद्र सरकार से पूरे भारत में शराब बंदी की मांग की।
आंदोलकारियों को संबोधित करते हुए राशसंगो के राष्ट्रीय संयोजक सुल्तान सिंह ने कहा कि सरकार के संरक्षण में शराब देश के हर राज्य और गली में पहुंच गई है और लोग न सिर्फ इससे घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं बल्कि उन्हें अपने धन,करियर, सामाजिक प्रतिष्ठा और पारिवारिक सुख-शांति से हाथ धोना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब महिलाएं और बच्चे भी इससे प्रभावति हो रहे हैं। इससे देश में दुष्कर्म की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी की सफलता के लिए आवश्यक है कि शराबबंदी एक साथ पूरे देश में लागू की जाए। ऐसा नहीं होने तक अभियान को और तेज गति से बढ़ाएंगे।
पीबीआई के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य संतोषानंद अवधूत ने कहा कि यह विडंबना ही है कि एक ओर हम खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र कहते हैं तो वहीं दूसरी ओर हम शराब के गुलाम बन गए हैं। आज कोई भी अवसर हो चाहे शादी हो या जन्मदिन की पार्टी शराब के बिना पूरी नहीं मानी जाती। उन्होंने कहा कि हालांकि शराब ने जीवन शक्ति को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। उन्होने कहा कि शराब पर प्रतिबंध से होने वाले राजस्व का नुकसान उस खर्च से बहुत कम है जो सरकार द्वारा शराब की वजह से बढ़ती स्वास्थ समस्यआओं,अपराधों, दुर्घटनाओं, छेड़छाड़ और दुष्कर्म की समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है।
राशसंमों की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्षा व कवियत्री नेहा इलाहाबादी ने अपनी कविता के माध्यम से लोगों को शराब के द्वारा समाज और परिवार होने वाले नुकसान को बहुत सुंदर तरीके से बताया।


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