प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं रायबरेली या अमेठी से लोकसभा चुनाव!
नई दिल्ली, 24 जनवरी (हि.स.)। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा फरवरी के पहले सप्ताह में पार्टी महासचिव पद के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी पद तो संभालेंगी ही, अप्रैल-मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अमेठी या रायबरेली से प्रत्याशी भी हो सकती हैं। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी अब स्वास्थगत कारणों से चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं। उन्होंने अपने पति राजीव गांधी के असमय चले जाने के चलते न चाहते हुए भी, बिखरने लगी कांग्रेस पार्टी को संभालने की जो जिम्मेदारी ली थीं, उसे अब उनके सक्षम हो गये दोनों बच्चों के हाथों में सौंप कर पूरी तरह मुक्त हो जाना चाहती हैं। विदेशी मूल की होने के बावजूद इस दौरान उन्होंने तमाम आरोपों के दंश झेलते हुए एक भारतीय नारी की तरह जीवन व्यतीत किया| उन्होंने न केवल बिखर रही कांग्रेस को बचाई बल्कि 10 वर्ष तक सत्ता दिलाई। अब फिर युद्ध क्षेत्र में खड़ी कांग्रेस को अतिशक्तिशाली सत्ता केन्द्र वाली पार्टी व उसके शीर्ष से सीधे टकराने के लिए राहुल व प्रियंका को आगे कर दीं। उनके एक विश्वासपात्र का कहना है कि मैडम को विश्वास हो गया है कि सारे छल-छद्म, दांव-पेंच, साजिश, घात की काट करते हुए राहुल, प्रियंका व उनके जैसे पार्टी के अन्य तमाम कार्यकर्ता व जनता कांग्रेस को फिर से उस ऊंचाई पर ले जाएंगे जिस ऊंचाई पर यह कठिन संघर्ष के बाद स्वतंत्रता मिलने के दौरान रही थी।
कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आपसी बातचीत में कह रहे हैं, “अबकी बार सोनिया जी चुनाव नहीं लड़ेंगी, प्रियंका जी लड़ेंगी”। उ.प्र. के वरिष्ठ पत्रकार नवेन्दु का कहना है कि यदि सोनिया गांधी 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ती हैं और वहां से प्रियंका गांधी लड़ती हैं, तब तो इसका असर पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ेगा ही, अन्य संसदीय सीटों पर भी पड़ेगा। यदि सोनिया गांधी स्वास्थ्यगत कारणों से चुनाव नहीं लड़ीं और उनकी सीट से प्रियंका गांधी को रायबरेली से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया गया, तब तो असर और भी अधिक पड़ेगा। कांग्रेस के लोग कह भी रहे हैं कि इस बार सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी। तब यह भी हो सकता है कि राहुल गांधी अमेठी की बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ें और प्रियंका गांधी अमेठी से।
इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर जब पुलिस ले जा रही थी तो उनकी कार के सामने लेट गये तबके छात्र नेता व बाद में उ.प्र. के मंत्री रहे सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देशभर के लोग प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की झलक देखते हैं। यह सही है कि इसमें जिनने इंदिरा गांधी को देखा था, सुना था, उनकी संख्या अधिक है। लेकिन यह भी सही है कि आज का युवा भी प्रियंका गांधी को बहुत पसंद करता है। वह अभी चुनाव नहीं लड़ी हैं। लेकिन अपनी मां सोनिया गांधी की संसदीय सीट रायबरेली तथा भाई राहुल गांधी की सीट अमेठी को वही देखती रही हैं। इसके कारण उनका लगाव व जुड़ाव क्षेत्र व उसके आसपास के जिलों, संसदीय सीटों, विधानसभा सीटों के लोगों से अधिक हो गया है। जब वह खुद लोकसभा चुनाव लड़ेंगी तो इसका बहुत विस्तार हो जाएगा, क्योंकि वह जहां भी जाती थीं लोग कहते थे, “भइया जी (प्रियंका गांधी को लोग भइया जी कहते हैं), अब आप खुद चुनाव मैदान में आइए, सत्ताधारी विपक्षी दल को सीधे टक्कर दीजिए, तब होगी कांग्रेस मजबूत”।
बीएचयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सांसद व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरिकेश बहादुर का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 23 जनवरी को अमेठी में केवल कहा है कि प्रियंका गांधी फरवरी के पहले सप्ताह में कांग्रेस महासचिव का पदभार संभालेंगी। अभी वह पदभार संभाली भी नहीं हैं, लेकिन केवल यह जानकर की वह राजनीति में आ रही हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश का चुनावी कार्य देखेंगी, इतने मात्र से ही सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को चिंता हो गई है। इससे अब वोट व राजनीति के कई समीकरण बदलेंगे।