दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने कॉलेजियम की सिफारिश पर उठाया सवाल, राष्ट्रपति को लिखा पत्र
नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कैलाश गंभीर ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिनेश महेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की कॉलेजियम की सिफ़ारिश को लेकर राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रपति न्यायपालिका की स्वतंत्रता और विश्वसनीयता संरक्षित करें और फिर ऐतिहासिक भूल होने से रोकें।
जस्टिस गंभीर ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में वरिष्ठता की अनदेखी का मुद्दा उठाया है। पत्र में कहा गया है कि जस्टिस संजीव खन्ना के नाम की सिफ़ारिश में न सिर्फ दिल्ली हाईकोर्ट के तीन वरिष्ठ जजों की अनदेखी हुई बल्कि ऑल इंडिया सीनियारिटी में 30 से ज़्यादा वरिष्ठ जजों की अनदेखी हुई है।
जस्टिस गंभीर ने पत्र में लिखा है कि जस्टिस खन्ना प्रतिभवान हैं लेकिन सुप्रीम जज के तौर पर उनके नाम की सिफ़ारिश में 32 वरिष्ठ जजों की अनदेखी हुई है, जिसमें हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी शामिल हैं। इस सिफारिश से इन 32 वरिष्ठ जजों की क़ाबिलियत और मेरिट पर सवाल उठ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना और कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की थी।