फ्रांसीसी छात्रा के उत्पीड़न में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर बर्खास्त

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10 साल बची थी आरोपी प्रोफेसर की सेवाएं, प्रोफेसर ने छोड़ दिया कैंपस आईआईटी कानपुर के इतिहास में पहली बार हुई ऐसी सख्त कार्रवाई



कानपुर, 30 दिसम्बर (हि.स.)। आईआईटी कानपुर में फ्रांसीसी छात्रा से हुई छेड़खानी के मामले में जांच रिपोर्ट के बाद बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (बीओजी) कमेटी ने सिविल विभाग के प्रोफेसर को जबरन बर्खास्त करने का फैसला लिया है, जबकि प्रोफेसर की अभी 10 साल की नौकरी बची थी। आईआईटी की इस कार्रवाई से कैंपस में हड़कंप मचा हुआ है, हालांकि प्रोफेसर ने 15 दिन पहले ही कैंपस छोड़ दिया है। बीओजी के इस निर्णय से आरोपी प्रोफेसर के पास सिर्फ कोर्ट जाने का ही विकल्प बचा हुआ है।
आईआईटी कानपुर में फ्रांस की एक छात्रा ‘स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोगाम’ के तहत सिविल विभाग से बीटेक कर रही थी। छात्रा ने सितम्बर माह में कैंपस को छोड़ दिया था और अपने दूतावास जाकर विभाग के एक वरिष्ठ प्रोफेसर पर छेड़खानी व शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला विदेशी छात्रा से सम्बंधित होने के चलते हरकत में आये प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने आईआईटी प्रशासन से रिपोर्ट तलब कर ली। इसके बाद एक जांच कमेटी बनाई गयी जिसने 60 पन्नों की रिपोर्ट आईआईटी प्रशासन को सौंपते हुए प्रोफेसर को दोषी माना। कमेटी ने छात्रा से ऑनलाइन बयान दर्ज किये और विभाग की अन्य छात्राओं से आरोपित प्रोफेसर के बारे में राय जानी।
इसके बाद पूरा मामला आईआईटी की बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (बीओजी) कमेटी के पास भेजा गया। बीओजी ने आखिरकार लंबी बहस के बाद तय किया कि आईआईटी के इतिहास में इस तरह की घटनाएं कलंक हैं और आरोपित प्रोफेसर को जबरन बर्खास्त करने की संस्तुति दे दी। यह भी तय किया गया कि यदि आरोपित प्रोफेसर कैंपस नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाए। बोर्ड के इस फैसले के बाद संस्थान में हड़कंप मचा है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि प्रोफेसर ने 15 दिन पहले ही कैंपस छोड़ दिया है। मामले को लेकर अभी आईआईटी की ओर से अधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन सूत्र बताते हैं कि बीओजी कमेटी के फैसले के बाद आरोपी प्रोफेसर की सेवाएं खत्म होना सुनिश्चित है। ऐसे में आरोपी प्रोफेसर के पास कोर्ट का दरवाजा ही विकल्प बचा हुआ है।
 
10 साल बचा है कार्यकाल
सिविल इंजीनियरिंग विभाग के आरोपी प्रोफेसर का कार्यकाल अभी तक 10 साल का बचा है। प्रोफेसर की उम्र 55 साल है और रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है। अब उनके पास कोर्ट का विकल्प बचा है। सूत्रों की माने तो सभी सबूत उनके खिलाफ थे, फ्रांसीसी छात्रा के अलावा भी कई अन्य छात्र-छात्राओं ने भी उनके ऊपर आरोप लगाए थे।

 


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