कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना

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उल्लेखनीय है कि अमरनाथ यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने लखनपुर से अमरनाथ तक सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए हैं। जम्मू हाईवे से अमरनाथ यात्रा मार्ग के चप्पे-चप्पे पर काफी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हेलीकॉप्टर, सीसीटीवी कैमरे, आरआईएफ टैग और बार कोड श्रद्धालुओं एवं उनके वाहनों की निगरानी करेंगे।



जम्मू, 30 जून (हि.स.)। जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रविवार की सुबह 2234 अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच बालटाल एवं पहलगाम के लिए रवाना हुआ। इसके साथ ही इस वर्ष होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो गया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार केके शर्मा ने कड़ी सुरक्षा के बीच जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध किए हैं।
इस अवसर पर जम्मू के मेयर चंद्र मोहन गुप्ता, डिवीजनल कमिश्नर जम्मू संजीव वर्मा, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई राजनीतिक नेता भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि अमरनाथ यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने लखनपुर से अमरनाथ तक सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए हैं। जम्मू हाईवे से अमरनाथ यात्रा मार्ग के चप्पे-चप्पे पर काफी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। हेलीकॉप्टर, सीसीटीवी कैमरे, आरआईएफ टैग और बार कोड श्रद्धालुओं एवं उनके वाहनों की निगरानी करेंगे। ड्रोन एवं खोजी कुत्तों के अलावा अत्याधुनिक उपकरणों व हथियारों से लैस लगभग 40 हजार सुरक्षाकर्मी यात्रियों की रखवाली करेंगे।
बाबा बर्फानी पवित्र गुफा में इस समय पूरे आकार में विराजमान हैं। इसके साथ ही जत्थे के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस की सुरक्षा टीमें और स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस भी रवाना की गई हैं। इस दौरान बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए रवाना हुए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया।
इस बार बाबा अमरनाथ की यात्रा एक जुलाई से 15 अगस्त यानि 46 दिन तक चलेगी। रक्षाबंधन के दिन छड़ी मुबारक के वहां पहुंचने पर यह यात्रा संपन्न होगी। बालटाल मार्ग से पहुंचने वाले श्रद्धालु एक जुलाई सोमवार को पहले दर्शन करेंगे।
 
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
यात्रा के दौरान आतंकी हमलों की आशंका के चलते सेना के विशेष दस्ते भी तैयार रखे गए हैं। यात्रा मार्ग के आसपास के जंगलों, पहाड़ों एवं आतंकग्रस्त क्षेत्रों में सेना का अभियान जारी है। लिहाजा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सेना के विशेष दस्ते तैनात हैं।

 


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