राजस्थान सरकार ने दी मजूंरी, जल्द दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर पर काम होगा शुरू

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गाजियाबाद, 29 जून (हि.स. )। रीजनल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम के द्वारा एनसीआर में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहाँपुर-नीमराना-बेहरोर अर्बन कॉम्प्लेक्स)  योजना पर काम का रास्ता खुल गया। अब जल्द ही इस कारीडोर में अर्बन कॉम्प्लेक्स बनाने का काम शुरू होगा। इस याेजना के लिए आरआरटीएस कॉरिडोर के डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को राजस्थान सरकार ने शनिवार को मंजूरी दे दी।
इसी साल फरवरी में हरियाणा कैबिनेट ने भी दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर के डीपीआर को मंजूरी दे दी थी। इस परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसी एनसीआरआरटीसी के बोर्ड ने दिसम्बर 2018 में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी आरआरटीएस कॉरिडोर (106 किमी) के डीपीआर को मंजूरी दी थी। एनसीइआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर कुमार ने यह जानकारी शनिवार को एक बयान के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि प्राथमिकता वाले तीन आरआरटीएस कॉरिडोर में से एक, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर को तीन चरणों में लागू करने की योजना है।
 
तीन चरणों में होगा काम
पहले चरण में, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। दूसरे चरण में, इसे एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स से सोतानाला तक बढ़ाया जाएगा और तीसरे चरण में, एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स से अलवर तक निर्माण किया जाएगा। कॉरिडोर पर जियो-टेक्निकल सर्वे और अंडरग्राउंड यूटिलिटी मैपिंग जैसे पूर्व निर्माण कार्य पहले से ही जोरों पर है और निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए गुरुग्राम में कार्यालय भी स्थापित किया गया है।
 
106 किमी के कारिडोर में 35 किमी होगा अंडरग्राउंड
जल्द ही पाइल लोड टेस्टिंग का कार्य भी शुरू होने की सम्भावना है। 106 किमी लम्बे दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी कॉरिडोर का 35 किमी भाग अंडरग्राउंड होगा। इसमें 05 स्टेशन होंगे। शेष 71 किमी का भाग एलिवेटेड होगा। 11 स्टेशन का निर्माण किया जायेगा। यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होगा और अन्य दो आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ अन्तः-संचालित होगा जिससे यात्रियों को एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर मे जाने के लिए ट्रेन नहीं बदलनी होगी| यह कॉरिडोर अन्य कॉरिडोरो के साथ सराय काले खा पर जुड़ेगा और अन्तः-संचालित होने के साथ साथ अन्य सार्वजनिक परिवहन के माध्यमों के साथ एकीकृत भी होगा।
 
आरआरटीएस ट्रेन की आपरेशनल गति होगी 160 किमी
सुधीर ने बताया कि आरआरटीएस ट्रेन की ऑपरेशनल गति 160 किमी प्रति घंटा तथा औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी और यह प्रत्येक 5-10 मिनट की आवृति पर उपलब्ध होगी। आरआरटीएस के सभी कोच वातानुलूकित होंगी तथा यात्रियों के सफ़र को आरामदायक बनाने के लिए हवाई जहाज़ जैसी बैठने की सीटें होगी| जरूरतमंदों के लिए बैठने की वयवस्था, महिलाओं के लिए एक अलग विशेष कोच साथ बिजनेस कोच की सुविधा भी उपलब्ध होंगी।
सीपीआरओ ने बताया कि इस कॉरिडोर के निर्माण कार्य के पूर्ण होने के बाद 106 किमी की सराय काले खां से एसएनबी की दूरी लगभग 70 मिनट से भी कम समय मे तय की जा सकेगी। एनसीआरटीसी भारत सरकार (50%), हरियाणा (12.5%), एनसीटी दिल्ली (12.5%), उत्तर प्रदेश (12.5%), और राजस्थान (12.5%) राज्य सरकारों का संयुक्त उद्यम है। दिल्ली एनसीआर में आरआरटीएस परियोजनाओ की डिज़ाइन, निर्माण, वित्तीय, संचालन और रखरखाव करना एनसीआरटीसी का कार्यक्षेत्र है और यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत काम करता है।

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